दावा यह किया गया है कि समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए अतीक अहमद के बेटे अली के नाम से जारी की गई चुनावी अपील फर्जी थी. चुनाव आयोग से चिट्ठी तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि अतीक अहमद का बेटा अली अहमद तनहाई बैरक में बंद है. उमेश पाल शूटआउट केस के बाद से जेल में उससे किसी ने भी मुलाकात नहीं की है. सिर्फ एक बार उसके वकील इंटेलिजेंस की मौजूदगी में ही जेल में मिले हैं. चिट्ठी में की गई अपील पर ना तो दस्तखत है और ना ही तारीख दी हुई है. इसके अलावा अपील छापने वाले किसी प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी नहीं दिया गया है ।
News Jungal Desk : यूपी नगर निकाय चुनाव में माफिया अतीक अहमद के जेल में बंद बेटे अली अहमद के नाम पर वायरल हुई चिट्ठी का मामला अब चुनाव आयोग पहुंच चुका है । और इस मामले में चुनाव आयोग में एक याचिका दाखिल करी गई है जिसमें चिट्ठी को फर्जी बताकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग करी गई है ।
दावा यह किया गया है कि समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए अतीक अहमद के बेटे अली के नाम से जारी की गई चुनावी अपील फर्जी थी। चुनाव आयोग से चिट्ठी तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग करी गई है । याचिका में बोला गया है कि अतीक अहमद का बेटा अली अहमद तनहाई बैरक में बंद है । उमेश पाल शूटआउट केस के बाद से जेल में उससे किसी ने भी मुलाकात नहीं की है. सिर्फ एक बार उसके वकील इंटेलिजेंस की मौजूदगी में ही जेल में मिले हैं. चिट्ठी में की गई अपील पर ना तो दस्तखत है और ना ही तारीख दी हुई है. इसके अलावा अपील छापने वाले किसी प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी नहीं दिया गया है ।
चिट्ठी का मतदान में दिखा असर
आप को बता दें कि 4 मई को पहले चरण में हुए मतदान में प्रयागराज में अतीक अहमद के बेटे के नाम से जारी हुई इस अपील का जबरदस्त असर दिखाई दिया. मुस्लिम वोटरों में इस चिट्ठी को लेकर ही चर्चा होती रही. इस चिट्ठी को आधार बनाकर तमाम बूथों पर बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटरों ने समाजवादी पार्टी का बायकाट किया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कांग्रेस-बीएसपी, एमआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को वोट दिए. कहा जा रहा है कि चिट्ठी के चलते समाजवादी पार्टी को प्रयागराज में बहुत बड़ा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी को इस नुकसान की आशंका पहले ही हो गई थी. पार्टी नेताओं ने इसी वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो वकीलों के जरिए चुनाव आयोग में पहले ही याचिका दाखिल करा दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील कमल कृष्ण राय और रमेश कुमार की तरफ से ने चुनाव आयोग में यह याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर चुनाव आयोग जल्द ही संज्ञान ले सकता है और मामला प्रशासन को सौंपी जांच के लिया सौंपा जा सकता है ।
चिट्ठी में क्या गई थी अपील
बता दें कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद अली अहमद के नाम से एक चिट्ठी जारी की गई थी । और जिसमे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को सीधे जिम्मेदार ठहराया गया था. साथ ही कहा गया था कि मुस्लिम एकजुट हो जाएं और बीजेपी व सपा को सबक सिखाने के काम करें ।
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