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Alwar खेती के साथ मधुमक्खी पालन में जुटे किसान, खूब हो रहा है मुनाफा

मधुमक्खी पालन किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. जिले के सिंगराका गांव के निवासी विनोद करीब 8 साल से मधुमक्खी पालन का काम कर रहे हैं ।

News Jungal Desk : अलवर जिले के किसान इन दिनों मधुमक्खी पालन क्षेत्र में भी रुचि दिखा रहे हैं । और मधुमक्खी पालन किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है । और जिले के सिंगराका गांव के निवासी विनोद करीब आठ साल से मधुमक्खी पालन का काम कर रहे हैं । विनोद ने बताया कि इस काम की शुरुआत उन्होंने मात्र 17 बॉक्स से करी लेकिन जैसे-जैसे काम बढ़ता गया, उन्होंने बॉक्स की संख्या भी बढ़ाई । आज विनोद के पास करीब 150 बॉक्स हैं ।

विनोद बताते हैं कि मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण और अनुभव का होना आवश्यक है । मधुमक्खी पालन की शुरुआत जनवरी महीने में करनी चाहिए । जिस समय पौधों और पेड़ों में फूल निकलते हैं । खासकर सरसों के फूल जब निकलतें हैं. इससे किसानों के फसल के उत्पादन भी बढ़ते हैं और साथ ही साथ मधुमक्खी से भी अच्छी आमदनी हो जाती है. कई बार किसानों को लगता है कि मधुमक्खी बॉक्स से निकलकर फूलों पर बैठकर उनका शहद ले जाती है, तो उनके फूल खराब हो जाते हैं. . लेकिन विनोद का बताया है कि जब मधुमक्खी एक फूल से लेकर दूसरे फूल पर बैठती है, तो वह पहले फूल का कुछ रस छोड़ देती है जिससे किसानों को भी फायदा होता है ।

विनोद ने बताया कि मधुमक्खी पालन में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है । थोड़ी मेहनत में ही इससे मुनाफा मिल जाता है. इसके लिए आपको इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. विनोद ने बताया कि इसमें मार्केट में रेट मिल जाता है. लेकिन कई बार रेट मिलने में परेशानी भी आती है. अगर किसी किसान के पास 100 अच्छे बॉक्स मधुमक्खी के हैं. तो वह इससे आसानी से 3 से 4 लाख कमा सकता है. विनोद ने बताया कि इसमें सरकार की तरफ से सब्सिडी का भी प्रावधान है. लेकिन किसानों को कई बार सब्सिडी नहीं मिल पाती. इसके लिए सरकार व विभागों को किसानों की ओर ध्यान देने की जरूरत है ।

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