एक साल के इंतजार के बाद ‘फतेह’ का टीजर
FATEH MOVIE REVIEW : हॉलीवुड की नकल, साउथ सिनेमा की छायाअगर जी स्टूडियोज कुछ दिन और रुकता, तो सोनू सूद की बतौर निर्देशक पहली फिल्म ‘फतेह’ का टीजर आने के पूरे एक साल हो जाते। (FATEH MOVIE REVIEW) 16 मार्च 2024 को रिलीज हुए इस टीजर ने ही फिल्म के भविष्य की झलक दिखा दी थी। जब फिल्म रिलीज हुई, तो यह साफ हो गया कि बुजुर्गों की कहावतें अनुभवों पर आधारित होती हैं।
सोनू सूद: अभिनेता से निर्देशक तक का सफर
सोनू सूद एक काबिल अभिनेता रहे हैं। उन्होंने साउथ सिनेमा में बड़े विलेन के तौर पर अपनी पहचान बनाई और हिंदी सिनेमा में ‘प्रेम’ जैसे किरदार निभाए। लेकिन, ‘छेदी सिंह’ और ‘चंदबरदाई’ जैसे किरदारों ने उनकी चमक को बार-बार छुपा दिया। इसके बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और ‘फतेह’ के जरिए एक नई शुरुआत की कोशिश की।
फतेह: कहानी और निर्देशन
फिल्म ‘फतेह’ की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिसका अतीत खतरनाक रहा है। कहानी फ्लैशबैक में बार-बार जाती है, जिससे दर्शक भ्रमित हो सकते हैं। फिल्म का मुख्य मुद्दा कर्ज बांटने वाले ऐप्स की समस्या है, जो समाज में बढ़ती जा रही है।
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हॉलीवुड फिल्मों की छाया
‘फतेह’ का टीजर देखने पर यह साफ हो गया था कि यह मार्टिन स्कॉर्सेस की ‘आइरिशमैन’ से प्रेरित है। फिल्म में ‘जॉन विक’, ‘ट्रांसपोर्टर’, और ‘एजेंट 47’ जैसी फिल्मों की झलक साफ नजर आती है।
कमजोर स्पेशल इफेक्ट्स और किरदारों का दुरुपयोग
फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स और वीएफएक्स बेहद कमजोर हैं। विजय राज, जैकलीन फर्नांडिस और दिब्येंदु भट्टाचार्य जैसे काबिल कलाकारों का भी फिल्म में सही उपयोग नहीं हो पाया।
सोनू सूद की पहली निर्देशकीय फिल्म की कमजोरियां
सोनू सूद ने फिल्म में सारे हिट फॉर्मूले एक साथ इस्तेमाल करने की कोशिश की। लेकिन, कमजोर निर्देशन और नकल की भरमार के चलते फिल्म दर्शकों को बांधने में नाकाम रही।
जी स्टूडियोज के लिए नुकसानदेह साबित हुई ‘फतेह’
जी स्टूडियोज की यह फिल्म न सिर्फ सोनू सूद की छवि को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि नए साल की शुरुआत में स्टूडियो के लिए टिकट खिड़की पर एक खराब शुरुआत भी साबित हुई।
आगे की राह
अगर सोनू सूद निर्देशन में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो उन्हें अपनी टीम में ऐसे युवाओं को शामिल करना चाहिए, जो विश्व सिनेमा पर गहरी नजर रखते हों। साथ ही, उन्हें ओरिजिनल कहानियों पर ध्यान देना होगा।
निष्कर्ष
‘फतेह’ एक ऐसी फिल्म है, जो हॉलीवुड और साउथ सिनेमा की नकल करने की कोशिश में अपनी पहचान खो देती है। सोनू सूद जैसे प्रतिभाशाली अभिनेता से दर्शकों को बेहतर उम्मीदें थीं, लेकिन यह फिल्म उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती।