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पहले बेटी की डोली निकली वही दूसरी तरफ उठी मां की अर्थी, जानिए पूरा मामला

लड़की की बीमार मां का आकस्मिक निधन होने के कारण शादी की खुशियां और उमंग लोगों में नहीं थी. यूं कहें कि बेटी की डोली निकलने के बाद मां की अर्थी निकाली गई। मां के शव को घर पर रखकर बेटी का विवाह आनन-फानन में हरिहरधाम मंदिर में कराई गई।

गोदर स्थित शिव मंदिर हरिहरधाम में विकट परिस्थिति में युगल जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.शादी की सभी रस्में उदासी के साथ जल्दबाजी में पूरी की गई. लड़की की मां की अचानक मौत के बाद यह शादी हुई.उदासी के माहौल में शादी संपन्न होने के कारण दुल्हा के चेहरे पर और न ही दुल्हन के चेहरे पर कोई खुशी थी. यहां तक कि वैवाहिक कार्यक्रम में पहुंचे सभी के चेहरे मुरझाए थे और लोगों को शादी का रिवाज जल्द पूरा होने की जल्दबाजी थी ।

लड़की की बीमार मां का आकस्मिक निधन होने के कारण शादी की खुशियां और उमंग लोगों में नहीं थी. यूं कहें कि बेटी की डोली निकलने के बाद मां की अर्थी निकाली गई. और अंतिम संस्कार किया गया.

यह मामला बगोदर प्रखंड के बनपुरा गांव का है । बताया जाता है कि बनपुरा निवासी सावित्री देवी लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं. गुरुवार को उसका निधन हो गया. इधर, उसकी छोटी बेटी काजल कुमारी का विवाह 10 मई को होना तय हुआ था. मां की मौत के बाद बेटी का विवाह होने की गुंजाइश नहीं थी. इसे देखते हुए गांव समाज के लोगों ने मां के शव को घर पर रखकर बेटी की शादी कराने का निर्णय लिया.

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