Friday the 13th Superstitions: दुनियाभर में शुक्रवार और 13 तारीख को बदकिस्मती और तबाही का प्रतीक माना जाता है।
इसे “Friday the 13th” के नाम से जाना जाता है और यह दिन सदियों से अंधविश्वास और रहस्यमयी कहानियों का हिस्सा रहा है। आइए जानते हैं, किन वजहों से इस दिन को अशुभ माना जाता है और इसकी पृष्ठभूमि क्या है।
नॉर्स पौराणिक कथाओं का प्रभाव (What happened on Friday the 13th)
नॉर्स पौराणिक कथाओं में, 13 को अशुभ संख्या माना जाता है। यह कहानी एक डिनर पार्टी से जुड़ी है, जिसमें भगवान ओडिन और उनके 12 साथी देवता शामिल थे।
लेकिन जब 13वें सदस्य, भगवान लोकी, ने इसमें प्रवेश किया, तो इससे विनाशकारी घटनाएं हुईं और एक देवता की मृत्यु हो गई। इस घटना ने यह धारणा बनाई कि 13 एक अशुभ संख्या है।
द लास्ट सपर और ईसाई मान्यताए (The Last Supper in the Bible)
ईसाई धर्म में “द लास्ट सपर” से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना इस दिन को अशुभ मानने की वजह है। कहा जाता है कि यीशु मसीह के अंतिम भोजन में 13 लोग शामिल थे, और उसी रात जुडास इस्करियोती ने यीशु को धोखा दिया।
यह शुक्रवार का दिन था, और इसके बाद यीशु को सूली पर चढ़ाया गया। इस घटना के बाद से शुक्रवार और 13 तारीख को दुर्भाग्यपूर्ण माना जाने लगा।
प्राचीन रोमन और मिस्र की धारणाएं
प्राचीन रोमन और मिस्र की मान्यताएं भी इस अंधविश्वास को बढ़ावा देती हैं। रोमन सभ्यता में शुक्रवार को देवी वीनस के साथ जोड़ा जाता था, और इसे अशुभ दिन माना जाता था।
वहीं, मिस्रवासियों का मानना था कि 12 पूर्णता का प्रतीक है, जबकि 13 अनियमित और अधूरा है। इस कारण 13 को अशुभ माना गया।
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नाइट्स टेम्पलर का नरसंहार (Friday The 13th News)
शुक्रवार और 13 तारीख का एक और ऐतिहासिक संबंध फ्रांस से जुड़ा है। 13 अक्टूबर, 1307 को, फ्रांस के राजा फिलिप चतुर्थ ने नाइट्स टेम्पलर के सदस्यों को गिरफ्तार (friday the 13th history) करने और उन्हें फांसी देने का आदेश दिया। इस घटना ने टेम्पलर संगठन का पतन कर दिया और शुक्रवार, 13 तारीख को दुर्भाग्य का प्रतीक बना दिया।
साहित्य और सिनेमा का योगदान (Why 13 Friday is bad day)
साहित्य और सिनेमा ने भी इस दिन को अशुभ मानने की धारणा को मजबूत किया है।
थॉमस डब्ल्यू लॉसन की 1907 में प्रकाशित किताब “फ्राइडे, द थर्टींथ” ने इस अंधविश्वास को व्यापक रूप से फैलाया।इसके अलावा, 1980 की हॉरर फिल्म “फ्राइडे द 13th” ने भी इस दिन को डर और रहस्य का प्रतीक बना दिया।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण (The science behind Friday 13th)
हालांकि, वैज्ञानिक और तर्कवादी दृष्टिकोण से देखें तो शुक्रवार और 13 तारीख को अशुभ मानना केवल अंधविश्वास है।
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि यदि लोग किसी दिन को अशुभ (Friday the 13th Superstitions) मानते हैं, तो वे उसी के अनुसार घटनाओं की व्याख्या करते हैं। यह “सेल्फ-फुलफिलिंग प्रोफेसी” का उदाहरण है।
Conclusion
शुक्रवार और 13 तारीख को लेकर दुनियाभर में कई मान्यताएं और धारणाएं हैं। हालांकि, यह तय करना कि यह दिन वास्तव में अशुभ है या नहीं, व्यक्ति की सोच और विश्वास पर निर्भर करता है।
चाहे यह अंधविश्वास हो या ऐतिहासिक घटनाओं का प्रभाव, “Friday the 13th” आज भी रहस्य और चर्चा का विषय बना हुआ है।