Site icon News Jungal Media

घाटमपुर लेखापाल ने कलेक्शन एजेंट के साथ मिलकर ली रिश्वत

घाटमपुर में रिश्वतखोरी का मामला एक बार फिर से सामने आया है,जहां जमीन बटवारे को लेकर महिला लेखापाल ने कलेक्शन एजेंट के साथ मिलकर चार हजार रुपए की रिश्वत ली, जहां एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए महिला लेखपाल समेत कलेक्शन एजेंट को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के दौरान हिरासत में ले लिया।

News jungal desk :- अंजली यादव घाटमपुर Ghatampur तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात है।घाटमपुर के घना मकरंदपुर के मजरा मकरंदपुर के रहने वाले राजेश साहू के तीन भाईयों का हिस्सेदारी को लेकर विवाद चल रहा था।जिसको लेकर राजेश ने अपनी पैतृक संपत्ति बटवारे का केस एस डी एम कोर्ट में डाला हुआ था।जहां लेखपाल की रिपोर्ट के बगैर बटवारा संभव नहीं था।मामले में क्षेत्र की लेखपाल अंजली यादव ने तीनों भाइयों की संपत्ति बटवारे का चिन्हाकन करने के नाम पर सात हजार रुपए की मांग की थी,जहां डील के दौरान लेखपाल अंजली यादव ने चार हजार रुपए घाटमपुर के बारदौलतपुर स्थित सीमा फोटो कापी संचालक शिवराज सिंह के पास जमा कराए।जानकारी के मुताबिक लेखपाल अंजली यादव की ली गई रिश्वत का सारा काला धन कलेक्शन एजेंट शिवराजसिंह के पास ही जमा होता है।वही पैसा जमा कराने के दौरान लेखपाल अंजली यादव जब रिश्वत की रकम कलेक्शन एजेंट के पास लेने पहुंची तो एंटी करेप्शन टीम ने लेखपाल को रंगेहाथों पकड़ते हुए फोटो कॉपी संचालक को भी हिरासत में ले लिया।जिस दौरान एंटी करेप्शन टीम दोनो को नौबस्ता हनुमंत विहार थाने ले आई।जहां टीम ने पूछताछ के दौरान दोनों पर एफ आई आर दर्ज करवाई।जहां पुलिस ने आरोपी महिला लेखपाल व कलेक्शन एजेंट को गिरफ्तार कर लिया है,जहां दोनो आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के दौरान सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।बताते चले कि महिला लेखपाल से परेशान होकर पीड़ित राजेश साहू ने इस मामले की शिकायत एंटी करेप्शन टीम से की थी।वही मामले में डी एम कानपुर नगर विशाख जी अय्यर ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही रिश्वत लेने वाली लेखपाल अंजली यादव को सस्पेंड कर दिया गया है, साथ ही आरोपी लेखपाल पर विभागीय जांच भी बैठा दी गई है।वही लेखपाल के कामकाज की समीक्षा भी की जाएगी,ताकि इससे पूर्व में भी अगर गड़बड़ी की गई हो तो अन्य मामले उजागर हो सकेंगे।

यह भी पढे : संजय सिंह के घर हुई छापेमारी, मंत्री गोपाल राय का बयान- गंदी राजनीति के तहत हो रहा काम

Exit mobile version