महारष्ट्र के लोगों के लिए खुशखबरी, सभी सरकारी अस्पतालों में 15 अगस्त से मुफ्त इलाज

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्रामीण अस्पताल, महिला अस्पताल, जिला सामान्य अस्पताल, उपजिला अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों और कैंसर अस्पतालों में मुफ्त इलाज उपलब्ध किया जाएगा । नासिक और अमरावती में स्थित कैंसर अस्पताल भी मुफ्त में इलाज करेंगे । फिलहाल इन सभी अस्पतालों में एक साल में करीब 2 करोड़ 55 लाख नागरिक इलाज के लिए आते हैं । राज्य में जन स्वास्थ्य विभाग के कुल 2418 संस्थान हैं, इन सभी जगहों पर मरीजों को मुफ्त इलाज मिलेगा

News Jungal Desk :महाराष्ट्र के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है । और यहां अब सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज पूरी तरह से मुफ्त होने वाला है । स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने ऐलान किया कि यह योजना 15 अगस्त से राज्य में लागू होगी । और जिसके बाद राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज और टेस्ट फ्री होंगे । और यह निर्णय राज्य कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया है । और जिसमें भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के स्वास्थ्य के अधिकार को मंजूरी दी गई है ।  सरकार के इस फैसले से राज्य के गरीबों, जरूरतमंदों और मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी ।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्रामीण अस्पताल, महिला अस्पताल, जिला सामान्य अस्पताल, उपजिला अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों और कैंसर अस्पतालों में मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा और नासिक और अमरावती में स्थित कैंसर अस्पताल भी मुफ्त में इलाज करेंगे. फिलहाल इन सभी अस्पतालों में एक साल में करीब 2 करोड़ 55 लाख नागरिक इलाज के लिए आते हैं । और राज्य में जन स्वास्थ्य विभाग के कुल 2418 संस्थान हैं, इन सभी जगहों पर मरीजों को मुफ्त इलाज मिलेगा ।

सर्जरी भी मुफ्त में होगी
स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि ओपीडी में आने वाले मरीजों को बिल भुगतान के लिए दो से तीन घंटे तक कतार में खड़ा रहना पड़ता है । और इन सबका आकलन करें तो सरकारी खजाने में हर साल 71 करोड़ रुपये जमा होते हैं । और कतारों में खड़े रहने से अक्सर इलाज में देरी होती है ।  उन्होंने बताया कि पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक सभी सरकारी अस्पतालों में केस पेपर चार्ज से लेकर सर्जरी तक का मुफ्त इलाज होगा. यह फैसला स्वास्थ्य विभाग का है और यह फैसला उसके अंतर्गत आने वाले अस्पताल पर लागू होगा ।  उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम के अस्पतालों में यह सेवा उपलब्ध नहीं होगी, लेकिन मुफ्त इलाज के लिए आधार कार्ड दिखाना होगा ।

सरकार पर कितने करोड़ का बोझ?
आप को बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के पास करीब 12 से 13 हजार करोड़ का बजट है. इस योजना से सरकार के खजाने पर हर साल 100 से 150 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि हमने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है ।

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