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गोरखपुर : कुपोषित बच्चाें का NRC द्वारा हो रहा इलाज, दवाइयों सहित खान-पान की पूरी व्यवस्था

गोरखपुर जिले में कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने की खातिर जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) की व्यवस्था की गई. इसमें 10 बेड कुपोषित बच्चों के लिए रखे गए हैं, लेकिन पिछले 1 महीनों के रिकॉर्ड में अस्पताल में मात्र 5 बच्चे ही इलाज के लिए पहुंचे हैं

News Jungal Desk :   गोरखपुर जिला अस्पताल में मरीजों के बेहतर सुविधा के लिए अस्पताल प्रशासन हमेशा तत्पर रहती है । और वहीं पिछले कुछ समय से जिले में कुपोषित बच्चों की समस्याओं का मामला सामने आ रहा था । और जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से इन बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी के लिए कदम बढ़ाए गए. है । और फिर महिला जिला अस्पताल में एनआरसी खोलकर बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी तय की गई है । इसमें अस्पताल प्रशासन की ओर से डॉक्टर और SIC शामिल हैं जो इन बच्चों की देखरेख करेंगे ।

गोरखपुर जिला महिला अस्पताल के SIC डॉ. जय कुमार ने बताया कि अस्पताल ने जिले में कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने की खातिर एनआरसी खोलने की व्यवस्था की है । लेकिन पिछले 1 महीनों के रिकॉर्ड में अस्पताल में मात्र 5 बच्चे ही इलाज के लिए आए हैं । और अस्पताल प्रशासन ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए शहर और ग्रामीण इलाकों के डॉक्टरों से अपील की है और कुपोषित बच्चों को खोजने में मदद करें । और ताकि इन कुपोषित बच्चों को अस्पताल और डॉक्टरों की मदद से स्वस्थ करा जा सके ।

NRC में है 10 बेडो की सुविधा
गोरखपुर जिले में कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने की खातिर जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) की व्यवस्था की गई है । इसमें 10 बेड कुपोषित बच्चों के लिए रखे गए हैं । अस्पताल प्रशासन के लिए सवाल तब खड़े हुए जब मात्र 1 महीनों में एनआरसी में सिर्फ 5 बच्चे ही इलाज के लिए आए थे । तब जिला अस्पताल की ओर से सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों से ऑनलाइन बैठक करके कुपोषित बच्चों को ढूंढने में मदद मांगी गई है ।

आशा कार्यकर्ताओं को दिए गए निर्देश
साथ ही आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि अपने क्षेत्र में कुपोषित बच्चों की जानकारी विभाग को जरूर दें। जिससे समय रहते बच्चों का इलाज किया जा सके । और NRC में आने के बाद बच्चों के खान-पान और दवा सब की देखभाल अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी होगी । और वहीं अलग-अलग दिन के अनुसार आने वाले कुपोषित बच्चों का खान-पान और दवा तय किया गया है, जिससे उन्हें जल्दी स्वस्थ किया जा सके ।

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