ग्रेच्युटी पाने का अधिकार हर उस एम्पलॉयी को होता है, जो किसी एक ही कंपनी में 5 साल तक काम करता है. लेकिन, कुछ ऐसे भी कारण होते हैं जब यह शर्त पूरी करने के बावजूद कंपनियां ग्रेच्युटी का पैसा देने से इनकार कर सकती हैं. इसके लिए भी बाकायदा कानून बना है.
News jungal desk : मुंबई में जॉब करने वाले राजेश कुमार एक आईटी एक्सपर्ट हैं और उन्होंने एक नामी कंपनी के साथ अपने 7 साल गुजारे है । और आखिर बेहतर ऑप्शन मिलने पर उन्होंने जॉब बदलने का फैसला किया है । अब वे एक नई मल्टीनेशनल कंपनी में ज्यादा अच्छे पैकेज पर काम कर रहे हैं लेकिन, जॉब छोड़ने के बाद पुरानी कंपनी ने उन्हें ग्रेच्युटी (Gratuity) का भुगतान नहीं किया. नियम यह कहता है कि अगर कोई कर्मचारी 5 साल तक एक ही कंपनी में है तो उसे ग्रेच्युटी पाने का अधिकार रहता है ।
अब बड़ा सवाल ये है कि जब राजेश कुमार ने एक ही कंपनी के साथ 7 साल बिता दिए तो आखिर उन्हें ग्रेच्युटी का पैसा क्यों नहीं दिया गया है । आखिर किस आधार पर उनकी कंपनी ने ग्रेच्युटी देने से इनकार किया है । और अगर आपके साथ भी ऐसा ही कोई वाक्या हो जाए तो एक एम्पलॉयी के तौर पर क्या अधिकार होंगे और क्या आपकी कंपनी ग्रेच्युटी देने से इनकार कर सकती है और किस आधार ऐसा किया जा सकता है ।
कानून में बना है प्रावधान
ग्रेच्युटी एक्ट के सेक्शन 4(6b)(ii) के तहत अगर कंपनी को किसी कर्मचारी के लापरवाही या अनैतिक कार्यों की वजह से नुकसान हुआ है तो वह ग्रेच्युटी का पैसा रोक सकती है । और पैसा रोकने से पहले कंपनी को वैलिड रीजन बताना होगा और पूरी तरह जांच-पड़ताल व पर्याप्त सबूत मिलने के बाद ही कार्रवाई की जा सकती है । और , इसके लिए भी एक सीमित दायरा बनाया गया है ।
कर्मचारी का भी पक्ष जानना जरूरी
ऐसा नहीं है कि कंपनी ने किसी कर्मचारी के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया है और उसकी ग्रेच्युटी पैसा रोक लिया है ऐसा कोई भी कदम उठाने से पहले कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी करना होगा । दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अगर कर्मचारी को लापरवाही या अन्य किसी ऐसे काम का दोषी पाया जाता है तो उसकी ग्रेच्युटी रोकने का कंपनी को पूरा अधिकार दिया जाता है । .
पूरा पैसा नहीं मार सकती कंपनी
कर्मचारी भले ही कंपनी को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं है कि उसकी पूरी ग्रेच्युटी हड़प की जा सकती है । ग्रेच्युटी एक्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार, किसी कर्मचारी के नुकसान का दोषी पाए जाने पर भी कंपनी सिर्फ उतनी ही ग्रेच्युटी रोक सकती है । और जितने का नुकसान उसे हुआ है. इसका मतलब है कि कंपनी भले ही ग्रेच्युटी का पैसा रोक लेती है, लेकिन इसकी राशि सिर्फ उतनी ही होगी, जितने का नुकसान उस कर्मचारी की वजह से कंपनी को हुआ होगा. बाकी पैसा उसे कर्मचारी को वापस करना ही पड़ेगा ।
अगर कंपनी ने किया इनकार तो…
अगर योग्य होने के बावजूद कंपनी आपको ग्रेच्युटी का पैसा देने से इनकार करती है तो नियोक्ता को पहले एक लीगल नोटिस भिजवाएं. इसके बाद भी अगर कंपनी आपको ग्रेच्युटी का पैसा नहीं देती है तो इसकी शिकातय जिले के श्रम आयुक्त के पास कर सकते हैं. इस ऑफिस में एक कंट्रोलिंग अथॉरिटी रहती है, जो ऐसे मामलों में सुनवाई और आदेश देती है. आपको जितने दिन का विलंब हुआ है, कंपनी को उतने दिनों का ब्याज और जुर्माना भी चुकाना होगा.
Read also : चंद्रयान-3 बुधवार शाम को चांद पर लैंड करेगा,4 साल में 3 मून मिशन फेल, आखिर चांद के साउथ पोल पर क्यों कठिन है लैडिंग?