Hezbollah Chief Hassan Nasrallah Killed: हिजबुल्लाह नामक समूह के नेता हसन नसरल्लाह शुक्रवार को बेरूत शहर में हुए बम विस्फोट में मारे गए। इज़रायली सेना ने कहा कि शनिवार को उनकी मौत हो गई। नसरल्लाह हिजबुल्लाह के नेता तब बने जब पिछले नेता सैयद अब्बास मुसावी भी 1992 में इज़रायली हमले में मारे गए थे।
इस्राइल ने एलान किया है कि हिजबुल्ला के प्रमुख हसन नसरल्ला की मौत हो गई है। इस्राइली सेना आईडीएफ ने शनिवार को घोषणा की है कि नसरल्ला शुक्रवार को बेरूत में हुए हवाई हमले में मारा गया। बीते दिन इस्राइल ने लेबनान में मौजूद हिजबुल्ला के मुख्यालय पर बड़े पैमाने पर हमले किए। इस्राइली सेना ने मुख्यालय को निशाना बनाकर हिजबुल्ला के प्रमुख सैयद हसन नसरल्ला को मारने की कोशिश की थी और अब दावा है कि नसरल्ला की मौत हो गई है। हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्ला पिछले तीन दशकों से लेबनानी सशस्त्र समूह का नेतृत्व कर रहा था, जिसने इसे दक्षिण एशिया के सबसे शक्तिशाली अर्धसैनिक समूहों में से एक बना दिया है।
यह हमला उस वक्त हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में दुनिया भर के नेता जुटे हुए हैं। महासभा में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हिजबुल्ला को नीचा दिखाने की चेतावनी दी और इसके बाद एक बड़े हमले की खबर आई। इस्राइली मीडिया ने कहा कि हमले में नसरल्ला ही निशाना था और हमले के वक्त वह मुख्यालय के इलाके में ही था।
आइए जानते हैं कि हसन नसरल्ला कौन था? वह हिजबुल्ला की सत्ता तक कैसे पहुंचा? नसरल्ला इस्राइल के निशाने पर क्यों रहा? अभी लेबनाल में क्या हुआ है?
हसन नसरल्ला कौन था?
नसरल्लाह हिजबुल्लाह नामक समूह का 64 वर्षीय नेता है। उसने अपने समूह का नेतृत्व इज़राइल नामक दूसरे देश के विरुद्ध लड़ाई में किया है। उसने बशर अल-असद नामक नेता का समर्थन करने के लिए पास के देश सीरिया में लड़ाई में भी मदद की थी। उसने जो किया, उसके कारण हिजबुल्लाह इज़राइल के और भी अधिक विरुद्ध हो गया और उसने ईरान के कुछ महत्वपूर्ण नेताओं और हमास नामक एक समूह के साथ दोस्ती कर ली, जो इज़राइल के साथ नहीं मिलता।
नसरल्ला लेबनान में अपने अनुयायियों के बीच प्रसिद्ध थे, खासकर उन लोगों के बीच जो उनकी शिया मान्यताओं को साझा करते थे। अरब और इस्लामी दुनिया में कई लोग उनका सम्मान करते थे और उन्हें सैयद कहते थे, जो एक विशेष उपाधि है। हालाँकि, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई पश्चिमी देशों के लोग उन्हें अतिवादी मानते थे। भले ही वह शक्तिशाली था, लेकिन नसरल्ला अक्सर छिपकर रहता था क्योंकि वह इज़राइल से खतरों से डरता था।
वह सत्ता तक कैसे पहुंचा?
Hassan Nasrallah :नसरल्ला का जन्म 1960 में बेरूत के उत्तरी उपनगर शारशाबूक में एक शिया परिवार में हुआ, उसके पिता किराना दुकानदार थे। नसरल्ला बाद में दक्षिणी लेबनान आ गया। उसने धर्मशास्त्र की पढ़ाई की और अमल आंदोलन में शामिल हो गया। वह 15 साल की उम्र में कुछ समय के लिए अमल संगठन में शामिल हो गया जो हिजबुल्ला के बनने से पहले शिया राजनीतिक और अर्धसैनिक संगठन था। उसके बाद नसरल्ला इराक के नजफ में एक मदरसा में पढ़ने चला गया, जहां से उसे 1978 में सद्दाम हुसैन की सत्ता ने अन्य लेबनानी छात्रों के साथ निष्कासित कर दिया गया।
इराक में पहली बार, नेकेला ने गुरु मौरेवी और हिज़्ब्ला अब्बास अल मुसावी के सह -संस्थापक के रूप में अपना सिर छोड़ दिया। मुसावी के प्रभाव में, वह 1982 में लेबनिसलेल के समूह के बाद हिजबरा में शामिल हो गए, समूह को निष्पादन से अलग कर दिया गया। हिजबरा का गठन ईरानी क्रांति कोर के एक सदस्य द्वारा किया गया था, जो 1982 में इजरायली सेना से लड़ने के लिए लेबनान आए थे। यह ईरान द्वारा समर्थित पहला समूह था। थोड़ा -थोड़ा, हिज़वोला ईरान द्वारा समर्थित एक समूह और सरकारी समूहों का हिस्सा बन गया है, जिसे “प्रतिरोध अक्ष” के रूप में जाना जाता है। इस बीच, नेकेला ने अपनी नींव बनाई।
फरवरी 1992 में दक्षिण लेबनान में इस्राइली हेलीकॉप्टर हमले में हिजबुल्ला के मुखिया 39 वर्षीय सैयद अब्बास मुसावी की मौत हो गई। घटना के दो दिन बाद हिजबुल्ला ने नसरल्ला को अपना महासचिव चुना। पांच साल बाद अमेरिका ने हिजबुल्ला को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया। नसरल्ला की मुश्किलें यहीं कम नहीं हुईं और 1997 में नसरल्ला के सबसे बड़े बेटे हादी की इस्राइली सेना के खिलाफ लड़ाई में मौत हो गई।
नसरल्ला ऐसे लेबनान और पूरे अरब जगत में चर्चित हुआ था
नसरल्ला के ही नेतृत्व में हिजबुल्ला ने 2000 में दक्षिणी लेबनान में इस्राइली सेना के साथ जंग लड़ी। इस लड़ाई के बाद 18 साल के कब्जे के बाद दक्षिणी लेबनान से इस्राइली सेना की वापसी हुई। दक्षिणी लेबनान से इस्राइली के हटने के बाद नसरल्ला लेबनान और पूरे अरब जगत में चर्चित हो गया। उसके संदेश हिजबुल्ला के अपने रेडियो और सैटेलाइट टीवी स्टेशन पर प्रसारित किए गए।
2006 में हिजबुल्ला ने इस्राइल के साथ 34 दिनों तक युद्ध लड़ा। इस जंग में 1,000 से अधिक लेबनानी और 150 इस्राइली मारे गए थे। जब 2011 में सीरिया में गृह युद्ध छिड़ा, तो हिजबुल्ला के लड़ाके असद की सेना के साथ आ गए।
(Hassan Nasrallah)अभी इस्राइल के साथ संघर्ष में नसरल्ला की क्या भूमिका रही?
फलस्तीनी समूह हमास ने 7 अक्तूबर 2023 को इस्राइल में हमले किए थे, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद से गाजा में जंग छिड़ गई जो बाद में दक्षिण एशिया के कई देशों तक भी पहुंच गई। 7 अक्टूबर को इस्राइल-हमास युद्ध शुरू होने के एक दिन बाद हिजबुल्ला ने सीमा पर इस्राइली सैन्य चौकियों पर हमला करना शुरू कर दिया।
हिजबुल्ला हमास के समर्थन में लगभग एक साल से उत्तरी इस्राइल में हवाई हमले कर रहा है। संघर्ष के दौरान नसरल्ला ने अपने भाषणों में दावा किया था कि हिजबुल्ला के सीमापार हमलों ने इस्राइली सेनाओं को पीछे खींच लिया है। नसरल्ला ने इस बात पर जोर दिया था कि हिजबुल्ला इस्राइली पर अपने हमले तब तक नहीं रोकेगा, जब तक गाजा में युद्ध विराम नहीं हो जाता।
हाल के दिनों में इस्राइली और हिजबुल्ला के बीच तनाव बढ़ गया। इस्राइली ने युद्ध के एक नए चरण की घोषणा की जिसका उद्देश्य हिजबुल्ला को सीमा से पीछे धकेलना है, ताकि उत्तरी इस्राइली से विस्थापित हजारों लोग वापस लौट सकें।
अब नसरल्ला कैसे मारा गया?
Hassan Nasrallah इस्राइली वायु सेना ने शुक्रवार शाम लेबनान की राजधानी बेरूत में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। सेना ने कहा कि इसने हिजबुल्ला के मुख्यालय पर हमला किया। हमलों के बाद आज आईडीएफ ने कहा कि हिजबुल्ला का प्रमुख हसन नसरल्ला कल बेरूत में हुए हवाई हमले में मारा गया। इससे पहले एक इस्राइली अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इस्राइल से पुष्टि की कि हमलों का निशाना हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह था, जो उस समय कमांड सेंटर में मौजूद था। इस हमले ने लेबनान की राजधानी को हिलाकर रख दिया और शहर के ऊपर धुएं के घने बादल छा गए। कई हमलों में कई अन्य लोग भी हताहत हुए। इस्राइली हमलों में छह इमारतें ध्वस्त हो गईं। यह हिजबुल्ला और इस्राइली के बीच संघर्ष के लगभग एक साल में बेरूत में सबसे बड़ा हमला था। इस्राइली मीडिया ने बताया कि हमले में कुल दसियों टन विस्फोटक बम शामिल थे।
नसरल्ला की मौत के बाद अब आगे क्या?
Hassan Nasrallah हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला की हत्या के बाद दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका तेज हो गई है। ईरान ने इस्राइली हमलों के बाद प्रतिक्रिया दी है और वैश्विक संस्थाओं और नेताओं पर निशाना साधा है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस्राइल पूरी दुनिया के लिए खतरा है। उन्होंने ‘फलस्तीन और लेबनान में इस्राइल के भयानक और अभूतपूर्व अपराधों’ का आरोप लगाते हुए सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय सभाओं, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘निष्क्रियता’ पर निशाना साधा है।
उन्होंने इस्राइल Hassan Nasrallah को ‘सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक समर्थन’ देने के लिए अमेरिका की भी आलोचना की। प्रवक्ता ने अंत में कहा कि इस्राइल के अपराधों के प्रति दुनिया की निष्क्रियता का धुआं निकट भविष्य में पूरी दुनिया को दिखाई देगा।
नसरल्ला की मौत के बाद इस्राइली सेना (आईडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जई हलेवी ने बयान जारी किया है। चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि इस्राइल उन सभी लोगों तक पहुंचेगा जो देश और उसके नागरिकों को धमकी देते हैं। हलेवी ने कहा, ‘हमारे पास औजारों का कोई अंत नहीं है। संदेश स्पष्ट है, जो कोई भी इस्राइल के नागरिकों को धमकाता है, हम जानते हैं कि उन तक कैसे पहुंचा जाए।’
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