Heart Attack: पिछले पांच साल में इतने क्यों बढ़ गए हैं हार्ट अटैक के मामले? विशेषज्ञों से समझिए इसकी वजह

Heart Attack दुनिया भर में अधिकाधिक लोग हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं, और इसमें युवा लोग, यहां तक ​​कि 20 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और किशोर भी शामिल हैं। आपने देखा होगा कि हाल ही में दिल के दौरे और गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है।

Heart Attac

गुरुवार (तीन अक्तूबर) को भी ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और सुरनकोट से भाजपा उम्मीदवार सैयद मुश्ताक अहमद बुखारी का हार्ट अटैक से निधन हो गया, वह 75 वर्ष के थे। इससे पहले मंगलवार (एक अक्तूबर) को हैदराबाद में एक शोरूम में खरीदारी करते समय 37 वर्षीय व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

हार्ट अटैक को लेकर सामने आ रहे आंकड़े काफी डराने वाले हैं। नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टैटिस्टिक्स (एनसीएचएस) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में 18 से 44 वर्ष की आयु के केवल 0.3% अमेरिकी वयस्कों को दिल का दौरा पड़ा था। इस आयु वर्ग में हार्ट अटैक के मामले अभी भी दुर्लभ माने जाते हैं, हालांकि पिछले चार-पांच वर्षों में इसमें काफी वृद्धि हुई है।

Heart Attack: पिछले पांच साल में इतने क्यों बढ़ गए हैं हार्ट अटैक के मामले? विशेषज्ञों से समझिए इसकी वजह

युवाओं में बढ़ रहा है खतरा

Heart Attack symptoms एनसीएचएस डेटा से पता चलता है कि वृद्ध लोगों में दिल के दौरे कहीं अधिक आम माने जाते रहे हैं, पर कई कारणों से युवा आबादी भी इसका शिकार होती जा रही है। कोलंबिया विश्वविद्यालय में हृदय रोग विशेषज्ञ और महामारी विज्ञानी डॉ. एंड्रयू मोरन कहते हैं | दुनियाभर में बढ़ते हार्ट अटैक और हृदय रोगों के मामलों के लिए मोटापा की समस्या को एक कारक माना जा सकता है। वैसे तो मोटापा का समस्या सभी आयु वर्ग के लोगों में देखी जा रही है पर युवा आबादी में इसका जोखिम ज्यादा बढ़ गया है।

Heart Attack treatment

अगर वजन को कंट्रोल कर लिया जाए तो हृदय रोगों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

महामारी के दौरान बढ़ गया जोखिम

Heart Attack treatment स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना महामारी ने कई तरह से हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में लोगों की शारीरिक निष्क्रियता बढ़ी, जिसने मोटापा और इसके कारण हृदय स्वास्थ्य की समस्याओं को बढ़ा दिया है। इसके अलावा कई अध्ययनों से स्पष्ट होता है कि कोविड-19 ने हृदय प्रणाली को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। संक्रमण का शिकार रहे कई लोगों में मायोकार्डिटिस की समस्या देखी गई है। हृदय की मांसपेशियों पर वायरस के दुष्प्रभावों ने क्रोनिक हृदय संबंधी मामलों को जन्म दे दिया है।

Heart Attack symptoms

डरा रहे हैं आंकड़े

एक अध्ययन में पाया गया कि कोविड महामारी के पहले दो वर्षों के दौरान 25 से 44 वर्ष की आयु के लोगों में दिल के दौरे से होने वाली मौतों की संख्या अपेक्षा से 30% अधिक थी। इसी तरह से एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि यूएस. में हर 100 में से चार लोगों में कोविड से ठीक होने के एक वर्ष में दिल से संबंधित कोई न दिक्कत हुई है।

बढ़ते जोखिमों को देखते हुए हृदय रोग विशेषज्ञों ने कहा, हमें मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसे जोखिम कारकों पर ध्यान देना होगा, जो युवा वयस्कों में हृदय रोगों का खतरा बढ़ा रहे हैं।

Read also : Screen Time: अगर इस उम्र में देख रहे है ज्यादा स्क्रीन तो हो सकती है ये दिक्कतें, विशेषज्ञों ने दी जानकारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *