Heart Health : आज के समय में हृदय रोग न केवल बुजुर्गों तक सीमित रह गए हैं, बल्कि 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी हृदय से जुड़ी समस्याएं और इसके कारण होने वाली मौतों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।(हृदय रोगों का खतरा)क्या आप जानते हैं कि कुछ शुरुआती संकेतों को पहचानकर हृदय रोगों के खतरे को समय रहते टाला जा सकता है? आइए जानते हैं इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में।
युवाओं में बढ़ रही हृदय की समस्याएं
हाल के अध्ययनों के अनुसार, कोरोनरी आर्टरी डिजीज युवाओं में हृदय रोगों का सबसे प्रमुख कारण बन रहा है। इसके कारण 20 से 30 वर्ष की आयु के लोगों में हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं।
इसके पीछे मुख्य वजहें हैं:
अस्वास्थ्यकर जीवनशैली
धूम्रपान
मोटापा
उच्च रक्तचाप
उच्च कोलेस्ट्रॉल
यह मानकर चलना कि हृदय रोग केवल उम्रदराज लोगों को प्रभावित करता है, घातक हो सकता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और अनियमित खानपान ने युवाओं को भी इस जोखिम की चपेट में ला दिया है।
इसे भी पढ़ें : ध्यान के 10 स्वास्थ्य लाभ और माइंडफुलनेस पर ध्यान केंद्रित करने का तरीका
हृदय रोगों का खतरा बढ़ाने वाले 8 प्रमुख कारण
50 से अधिक आयु:
उम्र बढ़ने के साथ धमनियों के क्षतिग्रस्त और संकुचित होने का खतरा बढ़ जाता है।
फैमिली हिस्ट्री:
यदि आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
धूम्रपान की आदत:
धूम्रपान हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ाता है।
अस्वास्थ्यकर आहार:
वसा, चीनी, नमक और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर आहार लेने से हृदय रोग का खतरा अधिक हो सकता है।
उच्च रक्तचाप:
अनियंत्रित ब्लड प्रेशर दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल :
खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से हृदय की धमनियां संकुचित हो सकती हैं।
मधुमेह:
डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में हृदय रोग का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक होता है।
मोटापा:
अधिक वजन हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है और हृदय रोगों का खतरा बढ़ाता है।
इन संकेतों को न करें नजरअंदाज
यदि आपको इन आठ में से कोई भी तीन या अधिक समस्याएं हैं, तो यह हृदय रोग के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।
स्वस्थ हृदय के लिए अपनाएं ये उपाय
डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हृदय को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित आदतें अपनाएं:
नियमित व्यायाम करें:
शारीरिक सक्रियता आपके हृदय को मजबूत बनाती है।
स्वस्थ आहार लें:
ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा का सेवन करें।
धूम्रपान और शराब से बचें:
ये आदतें दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचाती हैं।
तनाव प्रबंधन करें:
मानसिक तनाव आपके हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। योग और ध्यान को अपने जीवन में शामिल करें।
चिकित्सकीय जांच कराएं:
समय-समय पर ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच कराएं
निष्कर्ष
हृदय रोग से बचाव के लिए सतर्क रहना और सही जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। यदि आपको किसी भी प्रकार की परेशानी महसूस हो रही हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय पर विशेषज्ञ की सलाह लें और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं।
आपका दिल ही आपके जीवन की धड़कन है। इसे स्वस्थ रखें, खुश रहें।