हाई कोलेस्टाल धमनियों में जमा होने लगता है जिससे खून का प्रवाह रूक जाता है या धीमा हो जाता है । जिससे शरीर के अंगो में ऑक्सीजन का पहॅुचना कम हो जाता है ।
News Jungal Desk : आधुनिक दुनिया और बदलते लाइफस्टाइल के बीच आज हार्ट पर कहीं अधिक खतरा मंडराने लगा है. युवा उम्र में ही लोग हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं. हार्ट की हेल्थ में कोलेस्ट्रॉल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. लेकिन कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं. एक बैड कोलेस्ट्रॉल एक गुड कोलेस्ट्रॉल good cholesterol . गुड कोलेस्ट्रॉल हमारे लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन बैड कोलेस्ट्रॉल हमारी जान का दुश्मन बन जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 10 में से 6 भारतीय किसी न किसी रूप में कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं. कोलेस्ट्रॉल इतनी गंदी चीज है कि यह धीरे-धीरे शरीर को खोखला करने लगता है. इसलिए यह समझना चाहिए कि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर को किस तरह नुकसान पहुंचाता है.
हाई कोलेस्ट्रॉल किस तरह करता है शरीर को खोखला
टीओआई की खबर ने डॉक्टरों के हवाले से बताया है कि जब खून में गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल घट जाए और बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल बढ़ जाए तो हाई कोलेस्ट्रॉल हो जाता है. यह बैड कोलेस्ट्रॉल धमनियों में चिपकने लगता है. धमनियां में चिपकने के कारण खून के प्रवाह को धीमा या रोकने लगता है. हार्ट शुद्ध खून को पंप कर पूरे शरीर में पहुंचाता है लेकिन धमनियों में गंदा कोलेस्ट्रॉल के चिपकने से खून का प्रवाह कम हो जाता है. चूंकि खून के माध्यम से शरीर के कतरे-कतरे में ऑक्सीजन पहुंचता है, लेकिन जब खून पूरे शरीर तक नहीं पहुंचेगा तो ऑक्सीजन भी नहीं पहुंचेगा. इस कारण शरीर के कई अंग प्रभावित होगा और शरीर धीरे-धीरे खोखला होने लगेगा. 2021 की एक स्टडी के मुताबिक भारत में करीब 18 करोड़ लोग हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन इनमें से अधिकांश को पता भी नहीं होता.
हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
हालांकि हाई कोलेस्ट्रॉल के संकेत का शुरू में पता लगाना मुश्किल है लेकिन कुछ संकेतों से इसके इशारे को समझा जा सकता है. अगर हाई कोलेस्ट्रॉल हो जाए तो आंखों के नीचे कोलेजन बढ़ने लगता है, सांस लेने में दिक्कत होती है या सांस फूलने लगती है, स्किन में पीलापन आने लगता है, छाती में दर्द करने लगता है, देखने में दिक्कत होती है, हाथ-पैर में झुनझुनी की तरह होने लगती है. हालांकि ये लक्षण सभी के साथ दिखें जरूरी नहीं.
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