अगर चंद्रयान-3 किसी कारणवश आज शाम लैंडिंग नहीं कर पाता है, तो ISRO के पास होंगे ये 3 विकल्प

आज शाम 5.45 बजे इंटरनल चेकिंग के बाद और चंद्रमा पर सूर्य उदय होने पर सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. यह पूरी प्रक्रिया शाम 5:45 बजे से शुरू होकर 17 मिनट तक चलेगी, जिसमें लैंडर अपने इंजन चालू करेगा और लैंडिंग की तैयारी करेगा

News jungal desk: इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने पहले मीडिया को ब्रीफ करते हुए बोला था कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि चंद्रयान-3 अपने निर्धारित तारीख और समय 23 अगस्त, शाम 6:04 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से चूक जाए। उन्होंने दावा किया था कि चंद्रयान-2 के साथ जो गलत हुआ, उसे ध्यान में रखते हुए चंद्रयान-3 को फेल-सेफ मैनर में विकसित किया गया है । और उन्होंने कहा था कि भले ही चंद्रयान-3 के सारे सेंसर फेल हो जाएं, दोनों इंजन बंद हो जाएं, विक्रम लैंडिंग कर लेगा ।  अगर इसके बावजूद भी कोई चूक हो जाए तो क्या होगा? चंद्र मिशन के पास क्या वैकल्पिक योजनाएं हैं? हम आपको बता रहे हैं…

1. आज नहीं तो 24 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग का दूसरा प्रयास
अगर चंद्रयान-3 किसी कारणवश आज शाम लैंडिंग नहीं कर पाता है । तो 24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग का दूसरा प्रयास करेगा । और आज शाम 5.45 बजे इंटरनल चेकिंग के बाद और चंद्रमा पर सूर्य उदय होने पर सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी । यह पूरी प्रक्रिया शाम 5:45 बजे से शुरू होकर 17 मिनट तक चलेगी और जिसमें लैंडर अपने इंजन चालू करेगा और लैंडिंग की तैयारी करेगा ।

लैंडिंग के लिए अंतरिक्ष यान को होरिजोंटल से वर्टिकल होना होगा और यह लैंडिंग के पहले की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया होगी । और इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने बातचीत में फिर दोहराया, ‘अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा । और इसे इसी तरह डिजाइन किया गया है- बशर्ते कि प्रोपल्शन सिस्टम अच्छी तरह से काम करे । हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि अगर इस बार भी (विक्रम में) दोनों इंजन काम नहीं करते हैं, तब भी यह लैंडिंग में सक्षम होगा ।

2. आज और कल चूके तो अगले चंद्र सूर्योदय तक का इंतजार
यदि आज चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में चूक हो जाती है, तो अधिक प्रयासों के लिए विंडो 14 दिनों तक खुली रहेगी. क्योंकि एक चंद्र दिवस पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है । अगली विंडो तब खुलेगी जब चंद्रमा पर सूर्य उदय होगा । यह 14 दिन बाद संभव हो पाएगा, यानी 7 सितंबर के आस पास ।

3. तब तक के लिए चंद्रयान-3 अपनी वर्तमान जगह पर घूमेगा
चूंकि चंद्रयान-3 लैंडिंग के लिए अगले प्रयास की प्रतीक्षा करेगा, तो यह तब तक के लिए 25KmX134Km की अपनी वर्तमान कक्षा में मंडराएगा. पिछली बार चंद्रयान-2 उस समय विफल हो गया था, जब लैंडर सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका. लैंडर से इसरो का संपर्क उस समय टूट गया था, जब वह चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. यह 7 सितंबर, 2019 को चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

चंद्रयान-3 को उन परिस्थितियों से निपटने के लिए विकसित किया गया है, जिनके कारण चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, ‘अगर यह कल किसी भी कारण से नहीं उतरता है, चाहे लैंडर के स्वास्थ्य या संचार में रुकावट हो, तो हम 24-50 घंटों के भीतर फिर से लैंडिंग का प्रयास करेंगे. इस बीच, वैकल्पिक लैंडिंग साइटों पर भी विचार किया जाएगा.’

Read also: दिल्ली में स्कूल-कॉलेज बंद, सड़कें सूनी, मॉल और बाजार रहेंगे सूने, ये है G-20 बैठक का प्लान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *