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ये 12 पौधे अगर आपके घर में है तो आप बन सकते है करोड़पति

अधिकतर लोग तो मानते हैं कि धन देने वाले पेड़ और पौधे भी होते हैं। आओ जानते हैं 12 ऐसे पौधों के बारे में जिनमें से घर में दो या तीन पौधे लगाकर आप अपनी किस्मत बदल सकते हैं।

मनी प्लांट– मनी प्लांट की बेल घर में रहने से समृद्धि बढ़ती है। मनीप्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना चाहिए है। इस दिशा के देवता गणेशजी हैं जबकि प्रतिनि‍धि शुक्र हैं। 

क्रसुला ओवाटा -मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से यह धन को आकर्षित करता है। फेंगशुई अनुसार क्रासुला अच्छी-ऊर्जा की तरह धन को भी घर की ओर खींचता है। अंग्रेज़ी में इसे जेड प्लांट, लकी प्लांट या मनी प्लांट कहते

लक्ष्मणा -लक्ष्मणा का पौधा भी धन को आकर्षित करता है। घर में किसी भी बड़े गमले में इसे उगाया जा सकता है। कहते हैं कि जिस किसी के भी घर में सफेद पलाश और लक्षमणा का पौधा होता है वहां धन की कमी नही होती है।

नारियल का वृक्ष -कहा जाता है कि नारियल का पेड़ सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है। यह मंगलकारी पेड़ घर के प्रांगण में हो तो धन और समृद्धि बनी रहती है। नारियल का पेड़ घर में होने से राहु या केतुजनित समस्या नहीं होती । तुलसी का पौधा – तुलसी को माता लक्ष्मी का दूसरा रूप कहा गया है। घर में तुलसी का पौधा पूर्व दिशा या ईशान कोण में लगाएं। तुलसी सभी तरह के रोगाणु को घर में आने से पहले ही नष्ट कर देती है। यह घर में सुख, शांति और समृद्धि होती है। इसके नियमित सेवन से किसी भी प्रकार का गंभीर रोग नहीं होता है। 

अश्वगंधा – वास्तुशास्त्र के अनुसार अश्वगंधा का पेड़ लगाने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। अश्वगंधा का पेड़ अत्यन्त लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधि भी है जिसमें कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं।

कनेर – कनेर की तीन तरह की प्रजातियां पाई जाती है। एक सफेद कनेर, दूसरी लाल कनेर और तीसरी पीले कनेर। कनेर के पौधे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक कहा जाता है। देवी लक्ष्मी को सफेद कनेर के फूल चढ़ाए जाते हैं। पीले रंग के फूल भगवान विष्णु को प्रिय होते हैं। 

श्वेतार्क– दूधवाला पौधा होता है, जो गणपति का प्रतीक है। वास्तु के अनुसार दूध से युक्त पौधों का घर की सीमा में होना अशुभ होता है किंतु श्वेतार्क इसका अपवाद है, जिसे घर के समीप उगा सकते हैं। इससे घर में सुख, शांति और सदैव बरकत बनी रहती है। 

श्वेत अपराजिता– यह पौधा धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम है। संस्कृत में इसे आस्फोता, विष्णुकांता, विष्णुप्रिया, गिरीकर्णी, अश्वखुरा कहते हैं। श्वेत और नीले दोनों प्रकार की अपराजिता औषधीय गुणों से भरपुर होता है।

हरसिंगार -पारिजात के फूलों को हरसिंगार और शैफालिका भी कहते है। यह वृक्ष जिस भी घर-आंगन में होता है, वहां हमेशा शांति-समृद्धि होती है। इसके फूल तनाव हटाकर खुशियां ही खुशियां आती हैं। 

रजनीगंधा– रजनीगंधा की तीन किस्में होती है। इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनाया जाता है। इसके कई औषधीय गुण भी है।

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