आईआईटी कानपुर ने इस्पात उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर…

कानपुर, 26 जुलाई, 2024: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर IITK(आईआईटी कानपुर), ने अनुसंधान, विकास और परामर्श अध्ययनों में सहयोग बढ़ाने के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य इस्पात उद्योग के भीतर प्रमुख तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने में उनके संयुक्त प्रयासों को आगे बढ़ाना है।

आईआईटी कानपुर ने इस्पात उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर...

इस समझौता ज्ञापन पर आईआईटी कानपुर के रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के डीन प्रोफेसर तरुण गुप्ता और सेल के आयरन एण्ड स्टील रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर (RDCIS) के कार्यकारी निदेशक श्री संदीप कुमार ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, सेल के अध्यक्ष श्री अमरेंदु प्रकाश, आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रोफेसर ब्रज भूषण, आईआईटी कानपुर के शैक्षणिक मामलों के डीन प्रोफेसर शलभ, आईआईटी कानपुर के मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रोफेसर कांतेश बालानी और आईआईटी कानपुर के केमिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रोफेसर जयंत के सिंह भी उपस्थित थे।

प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, निदेशक, आईआईटी कानपुर ने इस समझौता ज्ञापन के मौके पर कहा कि, “हम सेल (SAIL) के साथ इस नए सहयोग को शुरू करने के लिए बहुत खुश हैं, जो उद्योग के साथ आईआईटी कानपुर की भागीदारी को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम इस्पात मंत्रालय के सहयोग से एक सेक्शन 8 कंपनी के गठन के माध्यम से इस्पात उद्योग में तकनीकी नवाचार के लिए अनुसंधान एवं विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने का भी प्रस्ताव रखते हैं। यह मॉडलिंग और सिमुलेशन सहित डिजिटल प्रौद्योगिकियों में हमारी अंतर्निहित शक्तियों का लाभ उठाएगा, ताकि इस्पात क्षेत्र में देश के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान प्रदान किया जा सके।”

श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा, सचिव, इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा, “आईआईटी कानपुर और सेल ने स्टील डीकार्बोनाइजेशन, डीआरआई उत्पादन में हाइड्रोजन का उपयोग, अपशिष्ट उपयोग, लीन अयस्क के खनिज लाभकारीकरण और थोक सामग्री की आवाजाही आदि से संबंधित तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक सहयोगात्मक प्रयास किया है। यह समझौता ज्ञापन इस्पात उद्योग की भविष्य की जनशक्ति आवश्यकताओं को हल करने की दिशा में एक कदम भी दर्शाता है।” सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा ने आईआईटी कानपुर, आरडीसीआईएस और एनएमडीसी के पास उपलब्ध प्रयोगशाला सुविधाओं के पारस्परिक उपयोग करने पर भी सहमति जताई ।

श्री अमरेंदु प्रकाश, अध्यक्ष, सेल ने कहा, “मेरा मानना है कि आईआईटी कानपुर जैसे अग्रणी संस्थान भविष्य की तकनीकों के चयन में उद्योग का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेट किए गए स्टार्ट-अप द्वारा विकसित उत्पादों के लिए सेल पहला ग्राहक होगा, और मुझे विश्वास है कि यह सहयोग आईआईटी कानपुर और सेल दोनों के लिए फायदेमंद होगा। यह आवश्यक है कि हम उन परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें जो कम समय सीमा में शुरुआती परिणाम दें।”

श्री संदीप कुमार कर, कार्यकारी निदेशक, आयरन एण्ड स्टील रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर (RDCIS) सेल ने विशिष्ट परियोजनाओं को तुरंत शुरू करने के महत्व का प्रस्ताव रखा और प्रोफेसरों को संयंत्र संचालन और विनिर्माण वातावरण की गहन समझ हासिल करने के लिए आरडीसीआईएस और सेल संयंत्रों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया। आईआईटी कानपुर के रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के डीन प्रोफेसर तरुण गुप्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संयंत्र की समस्याएं स्वाभाविक रूप से अंतःविषयक हैं और इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। उन्होंने आगे कहा कि आईआईटी कानपुर इन तकनीकी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं और विशेषज्ञों की एक विविध टीम से सुसज्जित है।

यह साझेदारी सहयोगात्मक अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से इस्पात उद्योग प्रौद्योगिकियों में महत्वपूर्ण प्रगति के लिए मंच तैयार करेगी ।

आईआईटी कानपुर के बारे में:

iit kanpur


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1050 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 580 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।
अधिक जानकारी के लिए https://iitk.ac.in पर विजिट करें

मीडिया संपर्क: आई आई टी कानपुर
रुचा खेडेकर, +91-7678042697, [email protected]
फातिमा मोतीवाला, +91-9820596653, [email protected]
भाविशा उपाध्याय, +91-9819872745, [email protected]

Read also: कानपुर के किन्नरों की अनूठी पहल,पौधारोपण करके किन्नर बोले, धरती ही मेरी मां…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *