विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए, डिजिटल तरीके से शिखर सम्मेलन आयोजित कराने के विकल्प पर चर्चा की गई और सदस्य देशों से विचार-विमर्श करने के बाद इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया गया.
News Jungal Desk :- भारत चार जुलाई को डिजिटल तरीके से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा । विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह घोषणा करी बहरहाल, उसने डिजिटल तरीके से सम्मेलन आयोजित कराने की वजह नहीं बताई. अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए । डिजिटल तरीके से शिखर सम्मेलन आयोजित कराने के विकल्प पर चर्चा की गई और सदस्य देशों से विचार-विमर्श करने के बाद इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया गया है ।
पिछले साल एससीओ शिखर सम्मेलन उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में हुआ थे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत सभी शीर्ष नेता शामिल हुए थे ।
भारत सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा जिसके लिए वह शी चिनफिंग तथा पुतिन को आमंत्रित कर रहा है । और भारत ने पिछले साल 16 सितंबर को समरकंद शिखर सम्मेलन में एससीओ की अध्यक्षता संभाली थी ।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बोला , ‘पहली बार भारत की अध्यक्षता में एससीओ का 22वां शिखर सम्मेलन डिजिटल तरीके से चार जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगा. और भारत ने इस महीने गोवा में दो दिवसीय सम्मेलन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की मेजबानी करी थी ।
विदेश मंत्रालय ने बोला कि एससीओ के सभी सदस्य देशों – चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है । उसने बोला , ‘‘ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है. एससीओ की परंपरा के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है ।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है, इन संगठनों में संयुक्त राष्ट्र, आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों के संघ), सीआईएस (स्वतंत्र देशों के राष्ट्रमंडल), सीएसटीओ (सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन), ईएईयू (यूरेशियाई आर्थिक संघ) और सीआईसीए (एशिया में सहभागिता और विश्वास निर्माण उपायों पर शिखर सम्मेलन) शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत ने अपनी अध्यक्षता के तहत सहयोग के नए स्तंभ स्थापित किए हैं – स्टार्टअप और नवोन्मेष, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशन, युवा सशक्तिकरण और साझा बौद्ध विरासत
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