Indian Navy Day 2024: 4 दिसंबर का दिन भारतीय नौसेना के इतिहास में गर्व और विजय का प्रतीक है। यह दिन भारतीय नौसेना दिवस के रूप में मनाया (Happy Indian Navy Day 2024) जाता है, जब भारतीय नौसेना ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को निर्णायक शिकस्त दी थी।
इस युद्ध में नौसेना ने कराची बंदरगाह को तबाह कर दिया और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1971 War
1971 में पश्चिमी पाकिस्तान द्वारा पूर्वी पाकिस्तान में अत्याचार हो रहे थे। इसके चलते लाखों शरणार्थी भारत में आने लगे, जिससे स्थिति गंभीर हो गई।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस पर हस्तक्षेप करने का फैसला किया। 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के नौ ठिकानों पर हमला किया, जिसके बाद भारत ने इसे सीधा युद्ध घोषित कर दिया।
The India-Pakistan War of 1971
पाकिस्तान के हमले के बाद भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट की शुरुआत की। इस ऑपरेशन की कमान वाइस एडमिरल एस. एन. कोहली के हाथों में थी। भारतीय नौसेना ने “किलर स्क्वॉड्रन” तैयार किया, जिसमें तीन मिसाइल बोट शामिल थीं – आईएनएस निर्घात, आईएनएस निपात, और आईएनएस वीर। इन बोट्स में सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें थीं।
4 दिसंबर की रात को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर हमला किया। इस दौरान पीएनएस खैबर नामक पाकिस्तानी जहाज को मिसाइलों से तबाह कर दिया गया। यह जहाज पाकिस्तान आर्मी के लिए हथियार लेकर जा रहा था। भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी सेना के अन्य जहाजों को भी डुबो दिया।
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कराची बंदरगाह पर प्रहार
आईएनएस निपात ने पाकिस्तानी जहाज को नष्ट करने के बाद अपनी बची हुई मिसाइलों से कराची बंदरगाह पर हमला कर दिया।
इस दौरान केमारी तेल रिफाइनरी को भी निशाना बनाया गया, जिससे वहां कई दिनों तक आग धधकती रही। इस हमले ने पाकिस्तान की नौसेना को भारी नुकसान पहुंचाया।
ऑपरेशन पायथन: विनाशकारी प्रहार (Operation Python-1971)
ऑपरेशन ट्राइडेंट के बाद भारतीय नौसेना ने 8 दिसंबर को ऑपरेशन पायथन चलाया। इस बार आईएनएस विनाश, आईएनएस तलवार, और आईएनएस त्रिशूल को कराची बंदरगाह पर हमला करने की जिम्मेदारी दी गई।
इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नष्ट हो गए, जिसमें पीएनएस ढाका भी शामिल था। कराची बंदरगाह पर हुए इन हमलों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भारी झटका दिया।
बांग्लादेश की स्वतंत्रता में अहम योगदान (India’s Role in the Freedom of Bangladesh)
भारतीय नौसेना की इस निर्णायक विजय ने न केवल पाकिस्तान की नौसेना को कमजोर किया, बल्कि बांग्लादेश की आजादी का मार्ग भी प्रशस्त किया। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ।
भारतीय नौसेना दिवस का महत्व (Indian Navy Day Importance)
हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस (indian navy day date) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय नौसेना के शौर्य, बलिदान और पराक्रम को याद करने का अवसर है।
ऑपरेशन ट्राइडेंट और ऑपरेशन पायथन भारतीय सैन्य इतिहास के गौरवशाली अध्याय हैं। भारतीय नौसेना ने इस दिन अपने अद्भुत पराक्रम से यह सिद्ध कर दिया कि वह देश की रक्षा के लिए हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है।
Conclusion
भारतीय नौसेना का 1971 के युद्ध में प्रदर्शन देश के लिए गर्व की बात है। यह केवल एक सैन्य विजय नहीं थी |
बल्कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण योगदान भी था। भारतीय नौसेना दिवस उन वीरों की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
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