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शुगर को जड़ से खत्म करने में दवा से ज्यादा फायदेमंद है,चंद मिनटों की जरूरत

जब एक बार किसी को डायबिटीज हो जाए तो हमेशा के लिए ब्लड शुगर की बीमारी हो जाती है. इसे कम करना आसान नहीं. अब एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि प्राचीन भारतीय पद्धति योग और ध्यान ब्लड शुगर को कम करने में दवा से ज्यादा असरदार है.

News Jungal Desk : डायबिटीज कई बीमारियों की जड़ है. डायबिटीज की स्थिति में खून में शुगर यानी ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण यह बढ़ा हुआ ग्लूकोज पूरे खून और नसों में तैरने लगता है और हार्ट, किडनी और लिवर को प्रभावित करता है. ब्लड में शुगर का अवशोषण इंसुलिन insulin नाम का हार्मोन करता है लेकिन पैंक्रियाज से इंसुलिन बनता ही नहीं है या कम बनता है, इसलिए शुगर का अवशोषण नहीं हो पाता है. इंसुलिन बढ़ाने के लिए और ग्लूकोज का खून में लेवल एकदम न बढ़े, इसके लिए हेल्दी डाइट और दवाई ली जाती है. दवाई से ग्लूकोज को जल्दी खून में बढ़ने नहीं देता. इधर, एक रिसर्च में दावा किया गया है कि खून में शुगर का लेवल बढ़ने से रोकने में मेडिटेशन यानी ध्यान दवाई से कहीं ज्यादा काम करता है.

ध्यान और योग भारत सदियों पुरानी परंपरा है जिसका आजकल पूरी दुनिया दीवाना बन चुका है.योग और ध्यान ब्लड शुगर को कम करने में वहीं काम करता है जितना दवाई काम करता है.जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, ऐसे लोगों को रोजाना 21 मिनट एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। आप चाहें तो योग भी कर सकते हैं क्‍योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में काफी फायदेमंद होता है।

एक्सरसाइज सिर्फ शरीर ही नहीं मन को भी स्वस्थ रखने में सहायक होती है। ऐसे में हर किसी को अपने रूटीन में वर्कआउट जरूर शामिल करना चाहिए। डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी एक्सरसाइज से काफी राहत मिलती है। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है ऐसे लोगों को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट यानी रोजाना 21 मिनट एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होगा .

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