जयशंकर ने दिया दुनिया को सख्त संदेश, ‘भारत की हमेशा अनदेखी की गई, लेकिन आज..’

External Affairs Minister S Jaishankar, : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि अक्सर कुछ वैचारिक कारणों से भारत के हितों की अनदेखी की गई है. उन्होंने जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा देश के हितों को अपने मूल में रखते हुए दुनिया के साथ मिलकर काम करेगी. एक साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि आज, हम एक अलग युग में हैं. अधिक सक्षम, हमें लगता है कि हम एक बड़ा अंतर भी बना सकते हैं. इसलिए चुनौतियां अलग हैं, क्षमताएं अलग हैं, लक्ष्य अलग हैं.

News Jungal Desk: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि अक्सर कुछ वैचारिक कारणों से भारत के हितों की बलि दी जाती रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा देश के हितों को अपने मूल में रखते हुए दुनिया के साथ मिलकर काम करेगी. आकाशवाणी के साथ एक साक्षात्कार में जयशंकर ने वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में गुटनिरपेक्ष युग से अधिक मुखर और राष्ट्रीय हित-संचालित दृष्टिकोण में बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज, हम एक अलग युग में हैं. अधिक सक्षम, हमें लगता है कि हम एक बड़ा अंतर बना सकते हैं. इसलिए चुनौतियां अलग हैं, क्षमताएं अलग हैं और लक्ष्य अलग हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुटनिरपेक्षता के ऐतिहासिक महत्व को स्वीकार करते हुए इसे ऐसे समय में भारत की स्वतंत्रता के दावे की अभिव्यक्ति बताया जब इसकी क्षमताएं सीमित थीं. उन्होंने कहा कि गुटनिरपेक्षता भारतीय विदेश नीति में एक विशिष्ट युग का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन इसकी अपनी सीमाएं भी हैं. यह एक ऐसा युग था जहां हमारी क्षमताएं सीमित थीं और जहां हमने हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को पहले नहीं रखा. कभी-कभी, हमें वह लाभ नहीं मिला जो हम प्राप्त कर सकते थे, लेकिन यह अतीत की बात है.

विदेश नीति में बदलाव जरूरी था-जयशंकर
1990 के दशक के दौरान पनपी चुनौतियों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि इन सुधारों ने आर्थिक और कूटनीतिक रणनीतियों के बीच अटूट संबंध को पहचानते हुए भारत की विदेश नीति में बदलाव की आवश्यकता पैदा की. उन्होंने कहा, ‘हमें न केवल अपनी आर्थिक नीति बदलनी पड़ी बल्कि अपनी विदेश नीति में भी बदलाव करना पड़ा क्योंकि दोनों साथ ही साथ चलते हैं.

‘आज, हम एक नए और अलग युग में हैं: एस जयशंकर
जयशंकर ने देश की बढ़ी हुई क्षमताओं, आत्म-आश्वासन और पर्याप्त वैश्विक परिवर्तन को प्रभावित करने की अपनी क्षमता में विश्वास को रेखांकित करते हुए कहा, ‘आज, हम एक अलग युग में हैं- यह एक ऐसा युग है जहां हम अधिक सक्षम, अधिक आत्मविश्वास, अधिक महत्वाकांक्षी लोग हैं, हमें लगता है कि हम एक बड़ा अंतर बना सकते हैं. यह एक ऐसा समय भी है जो अधिक वैश्वीकृत है. इसलिए चुनौतियां अलग हैं, क्षमताएं अलग हैं और लक्ष्य अलग हैं.

उन्होंने इस परिवर्तनकारी बदलाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दिया और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका के बारे में उनकी समझ, भारतीय आबादी, विशेष रूप से युवाओं में उनके विश्वास और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में उनकी निपुणता की खूब सराहना की.

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