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“द कम्युनिकेशन कोड: JIMMC ने विशेषज्ञ सत्र में उद्योग के रहस्यों से उठाया पर्दा”

कानपुर, 21 जनवरी 2025जगरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन (JIMMC), कानपुर कैंपस ने हाल ही में एक प्रेरक टॉक शो नैविगेटिंग कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रख्यात विशेषज्ञ श्री पुलक बाजपेई और श्री अतीरेक पांडे ने कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, पत्रकारिता, और कंटेंट क्रिएशन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।


कार्यक्रम की शुरुआत “अतिथि देवो भव” की पुरानी कहावत से हुई, जिसने पूरे सत्र को ज्ञानवर्धक और प्रभावशाली बना दिया। उत्सुक प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों ने विशेषज्ञों से रोचक और विचारोत्तेजक प्रश्न पूछे।

मुख्य बातें:


पत्रकारिता में फील्डवर्क के महत्व, अवलोकन, और बैकग्राउंड स्टडी पर जोर।

मास कम्युनिकेशन के क्षेत्र में छात्रों को स्किल बिल्डिंग और अपनी निचे (विशेषता) खोजने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में मानवीय बुद्धिमत्ता और कौशल-आधारित प्रशिक्षण की भूमिका।

श्री पुलक बाजपेई ने समाचारों को जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ प्रसारित करने में प्रशिक्षित फील्ड रिपोर्टर्स के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने हाल ही में कुंभ मेले की आग की घटना का उदाहरण दिया, जहां सिटीजन जर्नलिज्म ने खबर साझा की, लेकिन प्रशिक्षित पत्रकारों ने गहराई से कवरेज प्रदान किया।

श्री अतीरेक पांडे ने एक सामाजिक प्रयोग किया, जिसमें यह दिखाया गया कि किस तरह हमारी धारणाएं हमारी वास्तविकता को प्रभावित करती हैं। प्रयोग में पाया गया कि लोग बिना विजुअल्स के फिल्म की ऑडियो सुनते समय अधिक जिज्ञासु थे, बजाय फिल्म को बिना ऑडियो के देखने के।

सहायक प्रोफेसर धीरज शर्मा भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम का समापन इस विचार के साथ हुआ कि AI के युग में मानवीय बुद्धिमत्ता, कौशल-आधारित प्रशिक्षण, और जिम्मेदार संवाद की भूमिका पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
प्रियम चटर्जी

सहायक प्रोफेसर,
जगरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन
+91 7596934116
chaterji43008@gmail.com

संपादक के लिए नोट:

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