भारत में भी नए वैरिएंट JN.1 के कारण जोखिम बढ़ता हुआ दिख रहा है। इसके अलावा गोवा, कर्नाटक और केरल में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे हैं। चीन में कथित तौर पर JN.1 के कारण मृत्यु दर में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।
News jungal desk: पिछले कुछ महीनों से लगातार वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे कोरोना के मामले स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं। भारत में भी नए वैरिएंट JN.1 के कारण जोखिम बढ़ता हुआ दिख रहा है। इसके अलावा गोवा, कर्नाटक और केरल में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे हैं, हालिया रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी दिल्ली में भी इस नए वैरिएंट के पहले मामले की पुष्टि की गई है।
नए वैरिएंट JN.1 को लेकर अब तक हुए अध्ययनों में पाया गया है कि इसके कारण भी ज्यादातर लोगों में हल्के-मध्यम स्तर के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। हालांकि चीन की रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां संक्रमितों में मौत के बढ़े मामलों के लिए JN.1 एक प्रमुख कारक हो सकता है। तो क्या कोरोना के इस नए सब-वैरिएंट के कारण मौत का खतरा भी बढ़ रहा है?
चीन में मृत्यु दर में हुई वृद्धि
दावा किया गया है कि दुनियाभर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच, चीन में कथित तौर पर JN.1 के कारण मृत्यु दर में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के शवदाह गृह कोविड-19 से मौतों में वृद्धि के कारण चौबीस घंटे तक काम कर रहे हैं। हालांकि अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं कि मौत के मामले कोरोना से संबंधित है। हालांकि ज्यादातर मृतकों में कोरोना की पुष्टि की भी खबर है।
रिपोर्ट में एक स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है, बुजुर्गों के अलावा, युवा लोग और बच्चे तेजी से भी मर रहे हैं। अंतिम संस्कार गृहों में अचानक लाशों की वृद्धि डराने वाली है। चीन में निमोनिया के मामले भी पिछले महीनों में समस्या बढ़ा चुके हैं, ऐसे में ज्यादा स्पष्ट नहीं है कि ये मौतें कोविड-19 के कारण हैं या निमोनिया के।
Read also: अरबाज-शूरा के दूसरे निकाह पर पिता सलीम खान ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बातें…