के. सिवन ने कहा कि हमारे लिए मिशन चंद्रयान-3 दुर्भाग्य से विफलता के साथ समाप्त हुआ, लेकिन हमने बहुत सारी चीजें सीखी हैं. हमें पूरा विश्वास है कि इस बार यह जरूर सफल होगा क्योंकि हम जानते हैं कि हमारे सामने आने वाली सभी समस्याओं को ठीक कर लिया गया है और अतिरिक्त मार्जिन भी बढ़ा दिया गया है.
News Jungal Desk: भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना चंद्रयान 3 को लॉन्च करने हेतु पिछले 4 वर्षों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चुपचाप काम किया है. इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर लैंड करना और उसके पर्यावरण का अध्ययन करना है. इन वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देने के लिए इसरो ने एक रोवर भी विकसित कर लिया है. चंद्रयान 2 का नेतृत्व करने वाले और चंद्रयान 3 की तैयारियों का निरीक्षण करने वाले इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन ने लॉन्च और आखिरी मिशन के विफल होने के बाद हुए कार्यों के बारे में विस्तार से बात की.
उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में जबरदस्त काम किया गया है. और सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि चंद्रयान 2 में लैंडिंग फेज सफल नहीं रहा था, जबकि ऑर्बिट मिशन आंशिक रूप से सफल रहा. उस दौरान हमने जो डेटा इकट्ठा किया है, उस डेटा का बहुत गहनता से विश्लेषण किया गया है, समझा गया कि वास्तव में क्या गलती हुई, और अब हमने जो भी समस्या देखी, उसके लिए सुधारात्मक कार्रवाई कर दी गई है.
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