Kanpur: लॉयर्स एसोसिएशन का 20 मार्च से अदालतों में काम ठप करने का ऐलान, वकीलों ने निकाली अर्थी

लॉयर्स एसोसिएशन के महामंत्री शरद शुक्ला ने बताया कि सोमवार से आंदोलन की गति और भी तेज होगी। कचहरी में न स्टांप बिकेगा और न ही टाइपिस्ट कोई काम करेंगे। कचहरी का सारा कामकाज पूरी तरह से ठप कराने की योजना है।

कानपुर में जिला जज समेत कई न्यायिक अधिकारियों के व्यवहार से असंतुष्ट लॉयर्स एसोसिएशन ने सोमवार से संपूर्ण न्यायिक कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। अब तक आमसभा में हुए फैसलों के तहत सिर्फ जिला जज की अदालत का बहिष्कार चल रहा था, लेकिन सोमवार से सभी अदालतों का कामकाज पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा।

अधिवक्ताओं के साथ अपमानजनक व्यवहार करने पर जिला जज के स्थानांतरण की मांग को लेकर अड़े अधिवक्ताओं ने शनिवार को तीसरे दिन भी जिला जज की अदालत में न्याय कार्य का बहिष्कार किया। अदालत के बाहर बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनूप शुक्ला, हेमंत तिवारी एवं गायत्री मिश्रा के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने तीसरे दिन भी धरने को जारी रखा। कानपुर देहात की एसोसिएशन से आए अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अधिवक्ताओं के आंदोलन में शामिल रहने के लिए अपना एक सहमति पत्र भी पदाधिकारियों को सौंप दिया है।

वहीं अधिवक्ता बीरेंद्र कुमार पासी, अवनीश कटियार समेत कई अधिवक्ताओं ने जिला जज की अर्थी तैयार कर उसे पूरे कचहरी परिसर में घुमाया। लॉयर्स एसोसिएशन ने आंदोलन को गति देने के लिए सोमवार से अनिश्चितकालीन न्यायिक बहिष्कार का निर्णय लिया है। बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनूप शुक्ला ने बताया कि मामले के समाधान के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने बातचीत के लिए बुलाया है। जिस पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी और महामंत्री अनुराग श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए लखनऊ गया है।

नहीं बिकेगा स्टांप और न टाइपिस्ट करेंगे कोई भी काम
लॉयर्स एसोसिएशन के महामंत्री शरद शुक्ला ने बताया कि सोमवार से आंदोलन और भी गति पकड़ेगा। कचहरी में न स्टांप बिकेगा और न ही टाइपिस्ट कोई काम करेंगे। कोर्ट का सारा कामकाज पूरी तरह से ठप करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया जिला जज सहित कई न्यायिक अधिकारी अधिवक्ताओं पर भद्दी टिप्पणियां कर अपमान करते हैं, न्यायिक अधिकारी समय से अदालतों में नहीं बैठते एवं अदालतों में अधिवक्ताओं के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा न्यायालय के कर्मचारी नियंत्रणहीन हैं। कई बार जमानतीय अपराधों में भी जमानत नहीं दी जाती। इन सभी मुद्दों को लेकर कार्यकारिणी ने सोमवार से सभी अदालतों का कामकाज पूर्णतया ठप करने का फैसला लिया है।

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