देश की सबसे बड़ी जरूरत है समान नागरिक संहिता कानून
News jungal desk : नई दिल्ली। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में नियम 377 के दौरान सांसद सत्यदेव पचौरी ने समान नागरिक संहित कानून को लागू किए जाने पर लोकसभा में वक्तव्य दिया। उन्होनें कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुसार भारत के समस्त राज्यों में नागरिकों के लिए ‘एक समान नागरिक कानून’ सभी धर्म, समुदाय के लिए विवाह, तलाक, विरासत व गोद लेने आदि के कानून को एकरूपता प्रदान करेगा, जिससे अलग-अलग धर्माें के अलग-अलग कानूनों के कारण न्यायपालिका पर पड़ने वाला बोझ भी कम होगा।
पचौरी ने सदन को बताया कि इसमें धर्म निरपेक्षता का हित सन्निहित है। देश को एकता-अखंडता को मजबूती प्रदान करने के लिए इस कानून को लागू किया जाना नागरिकों के हित के साथ-साथ समय की भी आवश्यकता भी है। उन्होनें कहा कि समान नागरिक संहिता का लागू होना राष्ट्रवादी भावना को भी बल प्रदान करेगा।पिछले वर्ष भी सांसद पचौरी ने शीतकालीन सत्र के शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाया था।
उन्होंने बातचीत में बताया कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य देश में मौजूद सभी नागरिकों के पर्सनल लॉ को एक समान बनाना है, जो बिना किसी धार्मिक, लैंगिक या जातीय भेदभाव के लागू होगा।
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