Jammu Kashmir News: पाकिस्तान के अडंगे के बावजूद मोदी सरकार के मजबूत इरादों की वजह से जम्मू-कश्मीर आने वाले दिनों में देश के कई राज्यों को बिजली प्रदान करेगा. लगभग 38 साल पहले देखा गया स्वालकोट विद्युत परियोजना का सपना साकार होने जा रहा है. यहां 1856 मेगावाट की परियोजना पर बहुत ही तेजी से काम चल रहा है. NHPC यानी नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन के मुताबिक 2026 तक जम्मू कश्मीर हाइड्रो प्रोजेक्ट के मामले में काफी मजबूत हो जाएगा.
पाकिस्तान के अडंगे के बावजूद मोदी सरकार के मजबूत इरादों की वजह से जम्मू-कश्मीर आने वाले दिनों में देश के कई राज्यों को रोशन कर सकेगा. लगभग 38 साल पहले देखा गया स्वालकोट विद्युत परियोजना का सपना साकार होने वाला है. यहां 1856 मेगावाट की परियोजना पर बहुत ही तेजी से चल रहा है. NHPC यानी नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन के मुताबिक 2026 तक जम्मू कश्मीर हाइड्रो प्रोजेक्ट के मामले में काफी मजबूत हो जाएगा.
स्वालकोट विद्युत परियोजना के काम में तेजी को देखकर उम्मीद है कि 1856 मेगावाट की इस जलविद्युत परियोजना से 2025 में बिजली उत्पादन तेजी से शुरू हो जाएगा. केंद्र सरकार ने इसके पहले चरण का काम शुरू करवाने से पहले 973 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की है. इस प्रोजेक्ट को लेकर शुरुआती दिनों में पर्यावरण संबंधित कई तरह के सवाल खड़े किए गए, लेकिन अब सभी मामलों में प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल चुका है. यह परियोजना चिनाब नदी पर जम्मू संभाग के रामबन और ऊधमपुर जिलों के बीच बनाई जानी है. यहां जल धारा के प्राकृतिक बहाव से ही बिजली उत्पन्न की जाएगी.
सरकार ने दरकिनार किया पाकिस्तान का विरोध
एनएचपीसी के पूर्व सीएमडी एके सिंह के मुताबिक मोदी सरकार ने पाकिस्तान के विरोध को दरकिनार करते हुए जिस हिसाब से हाइड्रो प्रोजेक्ट के काम में तेजी लाई है, उससे जम्मू-कश्मीर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में बिजली की बड़ी समस्या हल होगी.
जम्मू कश्मीर में दूसरी जगह भी जारी हैं ऐसे प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार की पहल पर जम्मू-कश्मीर में और भी कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जहां पर हाइड्रोपावर की अपार संभावनाएं हैं. इसके तहत जम्मू-कश्मीर के उरी-1 का स्टेज 2 है और इस प्रोजेक्ट पर 240 मेगावाट बिजली उत्पादन की संभावनाएं है. दूसरी ओर दुलहस्ती के स्टेज 2 के सर्वे का काम भी तेजी से चल रहा है, जिसपर 260 मेगावाट बिजली का उत्पादन प्रस्तावित है. सरकार की कोशिश है कि आने वाले दिनों में जल्द से जल्द सर्वे का काम पूरा किया जाए, जिससे कि डीपीआर को सबमिट किया जा सके और काम शुरू किया जा सके.
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