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सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केजरीवाल ने बताया जनता की जीत, LG और भाजपा को घेरा

 सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने एक आदेश में कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य महापौर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं. पीठ ने निर्देश दिया कि दिल्ली के महापौर का चुनाव एमसीडी की पहली बैठक में कराया जाएगा और महापौर के निर्वाचन के बाद वह उपमहापौर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे ।

News Jungal desk : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को बोला कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) की बहुत बड़ी जीत हुई है । उन्होंने इसे जनता की जीत करार दिया है । दिल्ली में मेयर चुनाव कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में उनका यह बयान आया है। केजरीवाल ने बोला कि , ‘उपराज्यपाल और भाजपा हारने के बाद भी गैरकानूनी तरीके से मेयर बनाने की कोशिश कर रहे थे.’ उन्होंने बताया कि पार्टी ने 22 फरवरी को मेयर चुनाव कराने के लिए एलजी के पास नए सिरे से प्रस्ताव भेजा है ।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने एक आदेश में बोला कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य महापौर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं । प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने निर्देश दिया है । कि दिल्ली के महापौर का चुनाव एमसीडी की पहली बैठक में कराया जाएगा और महापौर के निर्वाचन के बाद वह उपमहापौर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे ।

‘सुप्रीम कोर्ट का आदेश जनतंत्र की जीत’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए बोला था, ‘उच्चतम न्यायालय का आदेश जनतंत्र की जीत है । उच्चतम न्यायालय का बहुत-बहुत शुक्रिया और ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा. ये साबित हो गया कि उपराज्यपाल और भाजपा मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं ।

‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा के चेहरे पर एक तमाचा’
वहीं आप ने बोला था कि यह उसकी जीत है और उच्चतम न्यायालय में लोगों का भरोसा बढ़ा है । और आप नेता दुर्गेश पाठक ने एक संवाददाता सम्मेलन में बोला कि , ‘हम उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं । दिल्ली मेयर चुनाव पर सर्वोच्च अदालत का फैसला भाजपा के चेहरे पर एक तमाचा है । और पाठक ने बोला था, ‘यह आप की जीत है. एमसीडी चुनाव के ढाई महीने बाद दिल्ली को मेयर और डिप्टी मेयर मिलेगा । और भाजपा को विपक्ष में बैठने का स्पष्ट निर्देश मिल गया है और मेयर आप का होगा क्योंकि लोगों ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया है ।

उच्चतम न्यायालय का आदेश दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर आया है । जिसमें यह चुनाव जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया गया है ।

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