भारत और कनाडा के बीच रिश्तों बढ़ती दूरी के बीच आतंकी गुरपवंत सिंह पन्नू को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पन्नू भारत को कई टुकड़ों में बांटना चाहता है. सुरक्षा एजेंसियों के डोजियर के अनुसार वह भारत का धार्मिक आधार पर विभाजन चाहता है ।
News jungal desk : भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में बढ़ती खटास के बीच जो सबसे बड़ा नाम उभरकर सामने आया है वह है खालिस्तानी आतंकी गुरपवंत सिंह पन्नू. गुरपवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में कनाडा में रह रहे हिंदुओं को खुली धमकी दी थी । और जिसमें उसने कहा था कि हिंदू कनाडा छोड़कर चले जाएं. । अब खुफिया रिपोर्ट में उसके द्वारा भारत के टुकड़े करने की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां ने पन्नू का नया डोजियर तैयार किया है । और डोजियर के मुताबिक पन्नू पर पूरे देश में 16 केस दर्ज है । और उस पर दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में कई मामले दर्ज हैं । मालूम हो कि बंटवारे के समय 1947 में पन्नू पाकिस्तान के खानकोट गांव से अमृतसर आया था. इसके बाद उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली ।
उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है. उसका भाई मगवंत सिंह विदेश में रहता है । और पन्नू अमेरिका में अलगाववादी ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख है और वह पंजाब को भारत से अलग करने की मांग करता है । 7 जुलाई 2022 को गृह मंत्रालय से उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था. डोजियर के मुताबिक पन्नू भारत को अलग अलग टुकड़ों में बांटकर कई देश बनाना चाहता है ।
डोजियर के अनुसार वह भारत का धार्मिक आधार पर विभाजन चाहता है. वह देश में मुस्लिमों को बहला फुसलाकर एक मुस्लिम देश बनाना चाहता है. जिसका नाम वो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ उर्दुस्तान रखना चाहता है. इसके अलावा वो कश्मीर के लोगों को भी रेडिकालाइज कर रहा है जिससे कश्मीर को भारत से अलग कर सके.
पन्नू के खिलाफ दर्ज मामले
पूरे देश में उसके खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों को लेकर कुल 16 मामले दर्ज हैं. सरहिंद पंजाब में UAPA के तहत मामला, अमृतसर में UAPA के तहत मामला, दिल्ली में UAPA के तहत 4 मामले, गुरुग्राम में UAPA के तहत केस और धर्मशाला हिमाचल में UAPA के तहत मामला दर्ज है. इस तरह UAPA के तहत उसके खिलाफ कुल 9 मामले दर्ज हैं. वह इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 2.5 मिलियन यूएस डॉलर देने की घोषणा कर चुका है.
उसने ऐसे पुलिसकर्मी को 1 मिलियन यूएस डॉलर देने की घोषणा की थी जो 15 अगस्त 2021 को लाल किले पर तिरंगा लहराने से रोके. इसके अलावा वह कई बार ऑडियो-वॉयस मैसेज भेज कर भारत की एकता और अखंडता को चुनौती दे चुका है. पंजाब, दिल्ली उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में उसने अपने गुर्गों के जरिए खालिस्तानी पोस्टर और झंडे लगवाने की कई बार कोशिश की है.
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