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29 KM लंबे, 12000 पेड़ों से सजे और 9000 करोड़ की लागत से बना ये एक्सप्रेसवे क्यों है ख़ास?

12000 पेड़ों से सजे और 9000 करोड़ की लागत से बना एक्सप्रेसवे

India’s First Elevated 8-lane access Control urban Expressway: देश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम हो रहा है | भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के तहत कई एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाए जा रहे हैं | इसमें सबसे महत्वकांक्षी रोड प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे है | इसी योजना के तहत 12000 पेड़ों से सजे और 9000 करोड़ की लागत वाले एक बेहतरीन एक्सप्रेसवे का निर्माण भी किया जा रहा हैं जिसकी खासियत इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहें हैं |

इसके अलावा भी देश में कई एक्सप्रेसवे हैं जो देश के अलग-अलग महानगरों को दूसरे शहरों से जोड़ेंगे | सभी एक्सप्रेसवे और हाईवे की लंबाई 400, 500 से लेकर 1300 किलोमीटर तक है | लेकिन, क्या आप 12000 पेड़ों से सजे और 9000 करोड़ की लागत से बन रहें देश के सबसे छोटे एक्सप्रेसवे के बारे में जानते हैं जिसकी लंबाई केवल 29 किलोमीटर (Dwarka Expressway length) है |

यह देश का सबसे छोटा और पहला 8 लेन एक्सेस कंट्रोल एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जो दिल्ली और हरियाणा के बीच बन रहा है | द्वारका एक्सप्रेसवे के बनने से एनसीआर में रहने वाले लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मार्च को द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा सेक्शन का उद्घाटन किया है | मैजिक ब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे अगस्त 2024 (Dwarka expressway completion date) तक ऑपरेशनल हो जाएगा |

कहाँ स्थित है यह एक्सप्रेसवे(Dwarka Expressway location)?

द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) के बनने से एनसीआर में बढ़ते ट्रैफिक का बोझ कम होगा | नेशनल हाईवे – 48 पर दिल्ली और गुरुग्राम के बीच भीड़भाड़ कम होगी | यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के पास शिव मूर्ति को खेड़की दौला टोल से जोड़ेगा | यह एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे 8 पर शिव-मूर्ति से शुरू होता है और खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास जाकर खत्म होता है |

यह एलिवेटेड 8 लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे भारत में अपनी तरह का पहला एक्सप्रेसवे है | इसमें सुरंग, अंडरपास, फ्लाईओवर और एलिवेटेड स्ट्रक्चर शामिल हैं |

द्वारका एक्सप्रेसवे(Dwarka 8-lane Expressway) मे क्या है खास?

द्वारका एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है, जिसमें से 18.9 किमी हरियाणा में पड़ता है, जबकि शेष 10.1 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आता है। द्वारका एक्सप्रेसवे भारत का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस कंट्रोल अर्बन एक्सप्रेसवे है । इसमें 9 किलोमीटर लंबा और 34 मीटर चौड़ा एलिवेटेड रोड है |

द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण 9,000 करोड़ रुपये (Dwarka Expressway cost) की अनुमानित लागत पर किया जा रहा है।आईजीआई एयरपोर्ट के पास एक्सप्रेसवे के दिल्ली सेक्शन (Dwarka Expressway Delhi section) में 8 लेन, 3.6 किमी उथली सुरंग होगी।

खास बात है कि इस टनल का एक हिस्सा विस्फोट-रोधी है। यह एक्सप्रेसवे भारी यातायात, यानि प्रति दिन लगभग 40,000 कारों को भी समायोजित कर सकता है। दिल्ली-द्वारका एक्सप्रेसवे में आपातकालीन निकास और एक विशेष नियंत्रण कक्ष भी शामिल है |

4 हिस्सों में बंटा एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे (Dwarka expressway route map) चार चरणों में बनाया जा रहा है, जिसका पहला हिस्सा महिपालपुर में शिव मूर्ति से बिजवासन (5.9 किमी), बिजवासन आरओबी से गुड़गाँव में दिल्ली-हरियाणा सीमा (4.2 किमी), दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से बसई आरओबी (10.2 किमी) तक फैला हुआ है | हरियाणा में, बसई से खेड़की दौला क्लोवरलीफ़ इंटरचेंज (8.7 किमी) भी इसमें शामिल है |

पूर्ण निर्माण के पश्चात् 12000 पेड़ों से सजे और 9000 करोड़ की लागत से बने इस एक्सप्रेसवे का दृश्य देखते ही बनेगा |

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