News Jungal Desk : किसी भी जातक के जीवन में होने वाली घटनाएं, उतार-चढ़ाव, उसके कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्रों पर आधारित होता है. वहीं ज्योतिष की मानें, तो कुंडली में मौजूद सभी ग्रह का अपना अलग स्थान होता है, जिससे उसे शुभ फल और अशुभ फल की प्राप्ति होती है. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि कुंडली में ग्रह की ही खराब हो जाए, तो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
जानें कैसे बनता है कुंडली में मांगलिक दोष
ज्योतिष के हिसाब से किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह जब भी पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में स्थित होता है, तो मांगलिक दोष का निर्माण करता है. ये दांपत्य जीवन के लिए बेहद ही अशुभ मानी जाती है. लेकिन अगर मंगल पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़े, तो मंगल दोष के प्रभाव से छुटकारा मिलता है।
मंगल दोष के ये हैं प्रभाव
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष होता है, तो ऐसे व्यक्ति के विवाह में बहुत देरी होती है, शादी टूटने की संभावना रहती है, लेकिन अगर आपका विवाह हो गया है, तो जीवनसाथी से तालमेल अच्छा नहीं रहता है.ज्योतिष शास्त्र में ऐसा बताया गया है कि कुंडली के सातवें भाव को वैवाहिक जीवन का माना जाता है औऱ इस भाव में मंगल के रहने से अशुभ घटनाएं होने की संभावना रहती है। मंगल की ऐसी स्थिति होने से पति-पत्नी के बीच तनाव, टकरार, तलाक आदि का कारण भी बनने लग जाता है. साथ ही व्यक्ति के ऊपर कर्ज का बोझ भी बढ़ जाता है, साथ ही प्रॉपर्टी संबंधित समस्याएं भी आने लग जाती है।
मांगलिक दोष से बचने के लिए करें ये उपाय
1. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो ऐसे व्यक्ति को विवाह के पहले ही कुंडली मिलन कराना बहुत ही जरूरी माना जाता है.
2. हर मंगलवार के दिन व्रत रखें और हनुमान मंदिर में बूंदी का प्रसाद चढाए और बांटें ।
3. मांगलिक दोष के प्रभाव से बचने के लिए मंगल ग्रह शांति का उपाय जरूर करें.
4. मंगलवार के दिन पूजा के समय हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें।
5. इस दिन अगर संभव हो , तो मंगलवार के दिन लाल कपड़े ही पहनें और हनुामनजी के मंदिर में लाल सिंदूर अर्पित करें.
6. मंगल की शांति पाने के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष या फिर मूंगा पहनें. साथ ही अपने ज्योतिष का सलाह अवश्य लें.
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