मोदी सरनेम केस में गुरुवार को सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को सजा सुना दी. हालांकि उन्हें तुरत-ताव बेल भी मिल गई.उनके खिलाफ इस मामले की शिकायत पूर्णेश मोदी ने दर्ज कराई थी ।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान उनके लिए परेशानी का सबब बन गया. साल 2019 में राहुल कर्नाटक की एक चुनावी रैली भाषण दे रहे थे. जब उन्होंने कहा था, ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’
अब इस मामले में गुरुवार को अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुना दी है। हालांकि उन्हें तुरन्त बेल भी मिल गई. उनके खिलाफ इस मामले की शिकायत गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज कराई थी. पूर्णेश मोदी हैं कौन?
पूर्णेश मोदी सूरत के अदजान इलाके में अपने परिवार के साथ रहते हैं. वह पहली बार गुजरात की तेरहवीं विधान सभा (2013-17) के उपचुनाव में जीत कर सदन में पहुंचे थे. असल में साल 2013 में वहां के तत्कालीन विधायक किशोर भाई की बीमारी के चलते मौत हो गई थी. इसके बाद जब उपचुनाव हुए तो बीजेपी ने पूर्णेश मोदी कोको चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की थी.
इसके बाद जब साल 2017 के विधानसभा चुनाव हुए तो भी पूर्णेश मोदी ही बीजेपी के उम्मीदवार थे. उन्होंने चुनाव में फिर से जीत का परचम लहराया. पश्चिम विधानसभा क्षेत्र मूलतः सूरत वासियों के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है.
पूर्णेश मोदी ने सदन में गुजरात सरकार की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति के सदस्य के रूप में 12 अगस्त 2016 से 25 दिसंबर 2017 तक संसदीय सचिव की भूमिका का निर्वहन करते है ।
इससे पहले वो सूरत नगर निगम के नगरसेवक रहे. साल 2000-05 में वो निगम के सदन में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी के नेता थे. इसके अलावा वह 2009-12 और 2013-16 में सूरत नगर भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
बयान पर घमासान
राहुल के कर्नाटक वाले बयान को लेकर गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट में मामला चल रहा था. राहुल के इस बयान को पूरे मोदी समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
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