Land For Job Scam: राबड़ी देवी के घर पहुंची CBI, जमीन के बदले नौकरी घोटाले में पूछताछ

CBI Reached To Rabri Devi Residence: की टीम आज सुबह पूर्व सीएम राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पहुंच चुकी है, जहां सीबीआई के अधिकारी राबड़ी देवी से पूछताछ कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि सीबीआई की टीम तीन से चार वाहनों में सवार होकर सीधे राबड़ी आवास के अंदर पहुंची, जहां उन्होंने पहले आवास में मौजूद कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से जानकारी प्राप्त की.

CBI Reached To Rabri Devi Residence: इस वक्त पटना से बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल सीबीआई (CBI) की टीम सोमवार को राबड़ी देवी (Rabri Devi) के घर पहुंच चुकी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार CBI की टीम जमीन के बदले नौकरी घोटाला (IRCTC Job Scam) मामले में आज सुबह पूर्व सीएम राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड आवास पहुंची, जहां सीबीआई के अधिकारी राबड़ी देवी से मामले में पूछताछ कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि सीबीआई की 15 लोगों की टीम तीन से चार वाहनों में सवार होकर सीधे राबड़ी आवास के अंदर पहुंचे, जहां उसने पहले आवास में मौजूद कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से  जानकारी ली, फिर राबड़ी देवी को लेकर जानकारी मांगी.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. ऐसे में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और राबड़ी देवी के छोटे बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव विधानसभा पहुंच चुके हैं. हालांकि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बड़े बेटे व बिहार के पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव फिलहाल राबड़ी आवास में ही मौजूद हैं.

15 मार्च को अदालत में पेशी

बता दें, एक हफ्ते पहले ही जमीन के बदले नौकरी देने से जुड़े घोटाले के मामले में आरोपी पूर्व रेल मंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत अन्य को दिल्ली की एक अदालत ने समन जारी किया था. दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए यह समन जारी किया था. इस मामले में कोर्ट ने 15 मार्च को सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश जारी किया है. चार्जशीट में सीबीआई ने लालू प्रसाद के अलावा राबड़ी देवी और 14 अन्य को भी आरोपी बनाया है.

क्या है पूरा मामला
केंद्रीय एजेंसी ने 23 सितंबर, 2021 को रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को एक प्राथमिकी में बदला गया था. एजेंसी के अनुसार, उम्मीदवारों को कथित तौर पर रेलवे अधिकारियों द्वारा “अनुचित हड़बड़ी” में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर ही समूह डी पदों पर विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में, “व्यक्तियों ने स्वयं या उनके परिवारीजनों ने अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी थी”.

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