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आशाराम की तरह परमधाम के गुरु चंद्रमोहन पर 4 साल बाद दर्ज हुआ बलात्कार का केस

News jungal desk : आशाराम बापू की तरह परधाम आश्रम की सत्ता खड़ी करने वाले चन्द्रमोहन गुरू ने 4साल पहले अपने शिष्य परिवार की बेटी से बालात्कार Rape किया था । आश्रम के ही एक शिष्य से पीड़िता की शादी करवा दी गई ।पीड़िता के पति को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने चन्द्रमोहन गुरू के खिलाफ आवाज उठा दी ,उसे वाराणसी पुलिस ने गैंगरेप में 3साल की सजा सुना दी । 3 साल बाद जेल से छूटे पीड़ित ने अदालत के जरिए वारदात का केस दर्ज कराया है मगर पुलिस की सुस्त कार्रवाई अभी तक इस कथित आध्यात्मिक गुरु को छू भी नहीं पाई है।

युवती की शादी के 4 दिन पहले किया बलात्कार-

पीड़ित पक्ष के वकील अश्विनी कुमार पटेल ने बताया की पीड़िता से बलात्कार के पहले आरोपी चंद्रमोहन ने उसे अपने कमरे में लाकर कोई नशीली चीज खिलाई थी। पीड़िता के नशे की हालत में हो जाने पर युवती के साथ बलात्कार किया गया। पीड़िता का परिवार भी कई वर्षों से आश्रम से जुड़ा हुआ था और चंद्रमोहन गुरु को वह भगवान की तरह पूजते थे। शादी के बाद जब पीड़िता इस वारदात को लेकर अवसाद में चली गई। तब उसके पति को वारदात का पता चला। पीड़िता ने आपबीती अपने पति को बताई तो चंद्रमोहन गुरु की सत्ता और रसूखों से वाकिफ पीड़िता के पति ने वारदात को कहानी का वीडियो आश्रम के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर दिया। यह वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करना पीड़िता के पति को भारी पड़ा।

आवाज उठाई तो पीड़िता के पति पर ताबड़तोड़ केस हुए दर्ज-

पीड़िता के पति को दबाने की कोशिश की गई मगर जब यह पता चला कि मामला पुलिस की चौखट तक जा सकता है तो पीड़िता के पति और उसके साथ आए लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया। अकेले पीड़िता के पति पर मुज़फ़्फ़रनगर और मेरठ में तीन मुकदमे दर्ज कराए गए। इनमें से दो मुकदमे आईटी एक्ट और मानहानि के अपराध से जुड़े हुए थे जिनमें पीड़िता के पति को अंतरिम जमानत मिल गई।

रेप पीड़िता के पति को 3 साल बाद मिली जमानत-
इस मामले में पीड़िता के पति को करीब 3 साल बाद जमानत मिल सकी। जेल से रिहा होने के बाद पीड़िता और उसके पति ने चंद्रमोहन गुरु के खिलाफ 3 साल पहले हुई वारदात का मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने से लेकर मेरठ के एसएसपी और आला अधिकारियों की चौखट तक फरियाद की। लेकिन आरोपी के राजनीतिक रसूखों के चलते पुलिस ने उनकी फरियाद सुनने से ही इनकार कर दिया। तब पीड़िता के पति ने अदालत की शरण ली और सीआरपीसी की धारा 156/3 के तहत अदालत में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराई जाने की प्रार्थना की।

पुलिस ने किया इंकार तो कोर्ट ने दर्ज कराया केस-

अदालत ने सभी बिंदुओं पर अध्ययन करने के बाद इस मामले में दौराला थाना पुलिस को केस दर्ज किए जाने का आदेश किया। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़िता का मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज कराया गया है। लेकिन अभी तक आरोपी चंद्रमोहन गुरु की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

आरोपी गुरु पहले से गंभीर मुकदमों का आरोपी-
श्री परमधाम आश्रम के चंद्रमोहन गुरु के खिलाफ भी गंभीर धाराओं के कई मुकदमे पहले से दर्ज हैं। इनमें से एक संगीन धाराओं का मुकदमा मुजफ्फरनगर के भोपा थाने में दर्ज बताया जाता है। चंद्रमोहन के खिलाफ संगीन धाराओं का एक मुकदमा देहरादून में दर्ज है। देहरादून में ही चंद्रमोहन गुरु के खिलाफ धारा 376 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत केस दर्ज है। इस मामले में पुलिस ने कुछ समय पहले फाइनल रिपोर्ट लगाकर कैसे बंद कर दिया था। मगर पीड़िता की अदालत में अर्जी के बाद पुलिस की फाइनल रिपोर्ट अदालत ने अस्वीकार कर दी। वर्तमान में यह मुकदमा अदालत में लंबित है।

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