एक तरफ बीजेपी जहां हर वक्त खुद को चुनावी मोड में होने का दावा करती है, वहीं सपा भी अब संगठन को दुरुस्त कर मैदान में उतारने जा रही हैं. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा के बाद प्रादेशिक कार्यकारिणी की घोषणा होने वाली है. उधर, पार्टी ने मोर्चों और प्रकोष्ठों को भी एक्टिव कर दिया है, जिसमें पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ को जातीय जनगणना को लेकर फ्रंट पर ला दिया गया है. सपा की रणनीति है कि आगामी नगर निकाय चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक जातीय जनगणना के मुद्दे को आक्रामक ढंग से उठाया जाए ।
News Jungal desk : एक तरफ बीजेपी जहां हर वक्त खुद को चुनावी मोड में होने का दावा करती है और वहीं सपा भी अब संगठन को दुरुस्त कर मैदान में उतारने जा रही हैं । और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा के बाद प्रादेशिक कार्यकारिणी की घोषणा होने वाली है । और उधर, पार्टी ने मोर्चों और प्रकोष्ठों को भी एक्टिव कर दिया है । और जिसमें पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ को जातीय जनगणना को लेकर फ्रंट पर ला दिया गया है । और सपा की रणनीति है कि आगामी नगर निकाय चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक जातीय जनगणना के मुद्दे को आक्रामक ढंग से उठाया जाए । और इसके लिए पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ राजपाल कश्यप ने कार्यक्रमों का प्रस्ताव मंजूरी के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजा है ।
सपा जातीय जनगणना को लेकर चरणवार आंदोलन करेगी । और बिहार में शुरू हुई जातीय जनगणना का हवाला देकर यूपी में भी मांग करेगी । और इसके लिए समाज के बीच जाकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार को भी घेरेगी . और सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने सपा मुखिया के पास जो प्रस्तावित कार्यक्रम भेजा है . और उसमें प्रथम चरण सुल्तानपुर से 23 फरवरी से शुरू करने का प्लान किया है । इसमें संगोष्ठी के अलावा अन्य कार्यक्रम शामिल हैं। और पहले चरण में पूर्वांचल पर खास फोकस किया गया है । और 10 दिनों में सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही, प्रयागराज में भी जातीय जनगणना को लेकर आवाज बुलंद करी जाएगी । और सभी जिलों में 2023 तक करीब सात चरणों में इस आंदोलन को धार दी जाएगी ।
जनांदोलन खड़ा किया जाएगा
डॉ राजपाल कश्यप ने बोला कि पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने तैयारी कर लिया है । और जातीय जनगणना को जनपद, ब्लॉक, नगर पंचायत और हर विधानसभा स्तर पर संगोष्ठी होगी । और इसको लेकर जनांदोलन खड़ा किया जाएगा । और वंचितों को हक़ दिलाने के लिए जातीय जनगणना जरूरी है। और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा ।
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