न्यूज जंगल डेस्क :- राजधानी लखनऊ सोमवार से 20 देशों के मेहमानों की आगवानी करेगा।डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप (डीईडब्ल्यूजी) की बैठक में इस दौरान विभिन्न देशों के143 प्रतिनिधि हिसा लेगें । इसमें साइबर क्राइम, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रचर और डिजिटल शिक्षा पर अलग-अलग समूह के साथ सत्र रहेंगे।इस सत्र में भारत में हुए कामों को दिखाया जायेगा और इस दौरान भविष्य की रणनीति पर भी मंथन होगा। 3 दिवसीय आयोजन का सीएम योगी उद्घाटन करेंगे।
जी-20 सम्मेलन के लिए तैयार सुशांत गोल्फ सिटी दुल्हन की तरह सजाया गया है।जी-20 शिखर सम्मेलन में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी मेहमान आए हुए हैं। वही मेहमानों के स्वागत के लिए खास तौर से एक महीना पहले से ही लखनऊ में साफ सफाई और सड़कों की मरम्मत का काम चल रहा था।
20 देशों के मेहमानों की अगवानी के लिए राजधानी पूरी तरह से तैयार है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके, यूएस और यूरोपियन यूनियन जी20 समूह के सदस्य हैं। शेरपा ट्रैक और फाइनेंस ट्रैक दो तरीके से यह जी20 समूह काम करता है। मेहमान देशों में बांग्लादेश, मिश्र, मॉरिशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, यूएई शामिल हैं। इसके अलावा इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन, विश्व बैंक, यूनेस्को और यूएनडीपी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
क्या है जी-20 सम्मेलन ?
वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रणालीबद्ध महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने के लिए जी20 समूह का गठन 1999 में किया गया। इसमें सदस्य देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंकों के गर्वनर शामिल होते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश इस समूह में शामिल हैं। 2023 में इसकी अध्यक्षता भारत को मिली। जी20 समूह के चेयरमैन इस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
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