उत्तर रेलवे के डिविजनल हॉस्पिटल के परिसर में ही स्वयं पंजीकरण टच स्क्रीन कियोस्क , स्वयं पंजीकरण क्यूआर कोड स्कैनर और कतार प्रबंधन प्रणाली स्मार्ट डिस्प्ले लगा दिया गया. इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी ।
News Jungal Desk : उत्तर रेलवे के डिविजनल हॉस्पिटल पर अब मरीजों को ओपीडी में इलाज कराने के लिए लंबी कतारों में घंटों खड़े होकर अपने नंबर के आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा । और मरीजों को इस झंझट से मुक्ति दिलाने के लिए उत्तर रेलवे की ओर से गुरुवार को अस्पताल के परिसर में ही स्वयं पंजीकरण टच स्क्रीन कियोस्क, स्वयं पंजीकरण क्यूआर कोड स्कैनर और कतार प्रबंधन प्रणाली स्मार्ट डिस्प्ले लगा दिया गया है ।
इसकी शुरुआत अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ जगदीश चंद्रा ने की स्वयं पंजीकरण टच स्क्रीन कियोस्क से लाभार्थी UMID कार्ड का इस्तेमाल कर और स्मार्ट मोबाइल एप्लिकेशन से क्यूआर कोड स्कैन कर स्वयं ओपीडी पंजीकरण कर सकेंगे । और कतार प्रबंधन प्रणाली स्मार्ट डिस्प्ले से ओपीडी, डॉक्टर चैम्बर और दवा वितरण केंद्र पर बिना लाइन में लगे ही इलाज करा सकेंगे ।
पर्यावरण को भी होगा फायदा
उत्तर रेलवे की वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि इससे कार्य के पेपरलेस होने से रेलवे कार्बन फुट प्रिंट में कमी कर अपने पर्यावरण सम्बन्धी उत्तरदायित्व का भी निर्वहन कर रहा है । और उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे के सभी मंडलों मे सर्वप्रथम, लखनऊ मंडल ने एचएमआईएस (HMIS) के तहत तीनों प्रणालियों को शुरू किया है ।
मरीजों को राहत
उत्तर रेलवे के डिविजनल हॉस्पिटल में जांच इलाज के लिए बड़ी संख्या में मरीज रोजाना ओपीडी में जाते हैं । और यहां पर ओपीडी का वक्त सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक होता है । अभी तक इस सिस्टम के न होने से मरीजों को लंबी लाइन में लगना पड़ता था और पंजीकरण कराना पड़ता था । लाइन में लगकर भी धक्का-मुक्की होती थी और पहले आने वाले मरीज को भी घंटों इंतजार करना पड़ता था. अब इस सिस्टम के लागू होने से सभी मरीजों का उनके नंबर के हिसाब से पंजीकरण होगा और बिना लाइन में लगे उन्हें आसानी से जांच और इलाज की सुविधा मिल जाएगी ।
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