सफाई कर्मचारियों ने जब खुद रूस में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता. उसके बाद अपनी बेटी को भी खेलने के लिए तैयार किया. आज सफाई कर्मचारी की बेटी एक के बाद एक मेडल जीत रही है ।
News jungal desk :– जल, थल, नभ नहीं अछूते, बुलंद हमारे अरमान हैं । हम बेटियां कम नहीं किसी से, हमसे ही देश की शान है । इन्हीं लाइनों को चरितार्थ करते हुए शाहजहांपुर के छोटे से गांव की रहने वाली गरीब परिवार की बेटी एक के बाद एक मेडल जीतकर जिले का नाम रोशन कर रही है । परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बाद भी इस बेटी ने संघर्ष करते हुए अब तक 4 गोल्ड सहित 9 मेडल जीत लिए हैं । और अब नेशनल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर लिया है ।
संघर्ष की यह पूरी कहानी शाहजहांपुर के विकासखंड सिंधौली के छोटे से गांव महाऊ दुर्ग के रहने वाले सफाई कर्मचारी अजयपाल वर्मा की बेटी की है । और अजयपाल वर्मा की 15 साल की बेटी रोली वर्मा 4 गोल्ड सहित अब तक 9 मेडल जीत चुकी है । और अजय पाल वर्मा खुद वेट लिफ्टिंग के खिलाड़ी हैं । और उन्होंने 2019 में रूस के मास्को में हुई विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था । घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के चलते अजय पाल वर्मा ने बेटी को आगे बढ़ाने के लिए कोई कोर कसर नहीं रखी है । और वह सीमित संसाधनों में ही बेटी को प्रशिक्षण देकर एक बेहतरीन खिलाड़ी बना रहे हैं ।
जब खेलने की जताई इच्छा तो पापा ने मना कर दिया था ।
वर्ष 2018 में सिंधौली में जिला स्तरीय वेटलिफ्टिंग की प्रतियोगिता आयोजित की गई थी । और यहां उसने भी खेलने की इच्छा जताई लेकिन पापा ने उम्र कम होने के चलते मना कर दिया था । और उसके बाद रोली ने घर पर ही पापा के साथ प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया और बाद में ब्लाक स्तरीय, जिला स्तरीय और फिर मंडल मंडल स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है । जिसमें रोली वर्मा ने अब तक चार गोल्ड, तीन सिल्वर और दो ब्रांच सहित कुल 9 मेडल जीते हैं ।
हाल ही में अलीगढ़ में हुई प्रतियोगिता में भी रोली ने एक सिल्वर और एक गोल्ड मेडल जीत कर नेशनल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर लिया है । और रोली का कहना है कि वेट लिफ्टिंग करना कोई आसान काम नहीं है । और उनके पापा के पास ज्यादा पैसे नहीं है और वेटलिफ्टिंग के खिलाड़ी को एक अच्छी डाइट चाहिए होती है । और उसके बावजूद उनके पापा उनका पूरा ख्याल रखते हैं । उनको खेलने के लिए हर तरीके से तैयार करते हैं । रोली ने बोला है कि वह ओलंपिक में खेल कर भारत के लिए मेडल जीतना चाहती है ।
पिता को उम्मीद ओलंपिक में जीते गोल्ड मेडल
रोली के पिता अजय पाल वर्मा का कहना है कि रोली में बचपन से ही खेल को लेकर काफी रुचि थी । और इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने रोली को खेलने के लिए तैयार किया है । और वह उन्हें प्रशिक्षण देकर एक अच्छा खिलाड़ी बना रहे हैं. अजय पाल वर्मा कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि उनके आंगन में इस बेटी में जन्म लिया है । और अब उनकी इच्छा है कि उनकी जाबांज बेटी ओलंपिक में खेले और देश के लिए मेडल जीते ।
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