राम मंदिर के निर्माण करने के साथ-साथ अयोध्या का कायाकल्प किया जा रहा है. अयोध्या में रहने वाले लोगों के साथ-साथ अयोध्या आने वाले रामभक्तों को कैसे सुविधाएं दी जा सकें, इसके लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने नई पहल की है. अब सरकार अयोध्या को वैदिक आत्मनिर्भर (सस्टेनेबल) शहर बनाने जा रही है
News jungal desk :– भगवान राम की नगरी अयोध्या जनवरी में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महा उत्सव के लिए सज संवर रही है. योगी सरकार कार्यक्रम से पहले अयोध्या के कायाकल्प में जुट गई है । इस उत्सव के साथ-साथ राम मंदिर बनने के बाद लाखों लोगों के अयोध्या आने की संभावना है. अयोध्या में बढ़ने जा रहे टूरिज्म का असर स्थानीय लोगों और संसाधनों पर न पड़े इसको लेकर योगी सरकार ने बड़ी पहल की है ।
अयोध्या को लेकर योगी सरकार की पहल के तहत, अयोध्या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित पहला सस्टेनेबल डेवलपमेंट टेंपल सिटी बनने जा रहा है. अयोध्या विकास प्राधिकरण ने इसके लिए एक निजी टेक्नोलॉजी कंपनी के साथ करार किया है । जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से शहर का पहला वैदिक सिटी सस्टेनेबल इंडेक्स प्लेटफॉर्म स्थापित करेगा. इंडेक्स की रिपोर्ट के आधार पर सरकार को पता चल सकेगा कि उसके पास क्या संसाधन हैं. बढ़ते लोड के अनुसार उसे क्या तैयारी करनी है, जिससे कि आने वाले लोगों के साथ ही स्थानीय लोगों को असुविधा से बचाया जा सके.
लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करेगा सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अराहास टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. के साथ इसी संबंध में रणनीतिक सहयोग के लिए एमओयू किया है. इसके तहत अयोध्या अपना खुद का सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट इंडेक्स जारी करने वाला पहला टेंपल सिटी बन जाएगा. अयोध्या के नगर आयुक्त और अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप यह इंडेक्स लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला होगा. उन्होंने कहा कि वैदिक सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स अयोध्या के लिए एक दूरदर्शी भविष्य की राह प्रशस्त करेगा, जो परंपरा और आधुनिकता का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण पेश करता है. प्लेटफॉर्म की क्षमताएं, अयोध्या विकास प्राधिकरण के समर्थित समन्वित दृष्टिकोण के साथ मिलकर, हमें शहरी चुनौतियों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए सशक्त बनाएगी. वैदिक सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स, अयोध्या को ऐसा पहला मंदिर शहर बनाने की अपेक्षा रखता है जो कि एक मॉडल के रूप में अपने एसडीजी सूचकांकों को सक्रिय रूप से रिपोर्ट करेगा.
संसाधनों पर बढ़ते दबाव का किया जा सकेगा मैनेजमेंट
मालूम हो कि अयोध्या 24 लाख से अधिक आबादी वाला जनपद है. उदाहरण के तौर पर राम मंदिर निर्माण के बाद यहां पर 10 करोड़ लोग आएंगे तो शहर के मौसम, वातावरण और संसाधनों पर इसका असर पड़ेगा. संसाधनों पर बढ़ती निर्भरता के बीच सिटी सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स की रिपोर्ट के आधार पर इससे निपटने के लिए पहले से ही योजना बनाई जा सकेगी. किन पहलुओं पर सुधार किया जा सकता है, ताकि यहां की हवा, वातावरण को कम से कम नुकसान हो. पहली बार यदि 10 लाख लोग आते हैं तो क्या स्थिति होगी, 15 या 20 लाख लोगों के आने पर स्थिति क्या होगी, ये रिपोर्ट उसी पर आधारित होगी. उससे बचने के लिए क्या उपाय किया जाना चाहिए, उसकी प्लानिंग करके स्थानीय लोगों के साथ ही आने वाले पर्यटकों को असुविधा से बचाया जा सकेगा. प्रयास ये भी किया जा रहा है कि जो भी डेटा शहर के पास है, उसको लेते हुए पहला रिपोर्ट कार्ड जल्द से जल्द रिलीज किया जाए.
उत्तर प्रदेश में अपने किस्म का पहला प्रयास
अराहास टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. के सीईओ सौरभ राय ने बताया कि यूनाइटेड नेशंस सतत विकास या सस्टेनेबिलिटी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति गंभीरता से प्रयास कर रहा है. यूरोप के कई शहर भी इस तरह का डेटा रिलीज करते हैं. भारत में भी सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट गोल्स को लेकर नीति आयोग बड़े पैमाने पर इसका प्रचार कर रहा है. उत्तर प्रदेश में ये अपने किस्म का पहला प्रयास है. इस एमओयू के तहत शुरुआत में सरकार की ओर से कंपनी को डेटा दिया जाएगा जिसे कंपनी एआई और एनालिटिक्स से इंटीग्रेट करके पहली रिपोर्ट पब्लिश करेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार प्रकृति को संभावित नुकसान से बचाने के लिए कार्यक्रम लागू करेगी. अगर यह इंडेक्स अयोध्या में सफलतापूर्वक अपने लक्ष्यों को हासिल करता है तो आने वाले समय में वाराणसी और मथुरा जैसे शहरों में भी इस तरह के सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स की शुरुआत हो सकती है.
सभी चुनौतियों का होगा समाधान
माना जा रहा है कि तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि और सस्टेनेबल सिटी इंडेक्सेज के लिए एक स्ट्रक्चर्ड ट्रैकिंग सिस्टम न होने की दिशा में अयोध्या के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए इस तरह के एक व्यवस्थित दृष्टिकोण की आवश्यकता है. वैदिक सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स प्लेटफॉर्म इन सभी चुनौतियों का समाधान करने के लिए तैयार है, जो अन्य शहरों के सफल मॉडलों के आधार पर अयोध्या की सस्टेनेबिलिटी को बढ़ाने के लिए मूल्यवान आंतरिक जानकारी और अवसर प्रदान करेगा.
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