महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा राजनीति से संन्यास के संकेत देने पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। पवार ने अपने बारामती दौरे के दौरान मंगलवार को कहा कि वे अब सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पास अभी डेढ़ साल का वक्त बाकी है। इसके बाद मुझे सोचना होगा कि राज्यसभा जाऊं या नहीं। मैंने अब तक 14 चुनाव लड़े हैं, जनता ने कभी घर नहीं बैठाया, लेकिन अब नई पीढ़ी को आगे आना चाहिए।”
भाजपा का तंज: ‘इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं शरद पवार’
भाजपा ने पवार के इस बयान को उनकी राजनीतिक रणनीति करार दिया है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शरद पवार लोकसभा चुनाव के समय भी ऐसे बयान देते रहे हैं, जो उनके अनुसार एक “इमोशनल कार्ड” है। विजयवर्गीय ने कहा, “वे हर चुनाव के समय संन्यास की बात करते हैं और फिर सक्रिय रहते हैं। यह केवल चुनावी रणनीति है।”
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शिवसेना (यूबीटी) का समर्थन: ‘प्रेरणा स्रोत हैं शरद पवार’
शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने पवार के संन्यास के संकेतों पर कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पवार ने राजनीति छोड़ने की बात की है। राउत ने कहा, “पवार साहब का 60 साल का संसदीय अनुभव है और वे हमारे लिए प्रेरणा हैं। उनके समर्थक उन्हें संन्यास न लेने की अपील करते हैं।” उन्होंने कहा कि देश में कोई दूसरा नेता नहीं है, जिसके पास पवार जितना संसदीय अनुभव हो।
पवार के बयान के बाद राजनीतिक अटकलें तेज
शरद पवार के इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में कई अटकलों को जन्म दे दिया है। भाजपा इसे चुनावी खेल बता रही है, जबकि शिवसेना यूबीटी इसे पवार के अनुभव का सम्मान मान रही है।