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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव गुट के नेता और सांसद संजय राउत पर बोला हमला

संजय राउत ने सोमवार को कहा, ‘हमने चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मैं अपने बयान पर कायम हूं कि 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था, जिससे शिंदे गुट को पार्टी का नाम और सिंबल मिला है ।

News Jungal desk : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ उद्धव खेमे के सुप्रीम कोर्ट जाने के मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है । और इस दौरान संजय राउत के 2000 करोड़ रुपये के सौदे के दावों के बारे में बात करते हुए, शिंदे ने बोला है कि , ‘संजय राउत पागल आदमी हैं, मैं उद्धव ठाकरे के बारे में ज्यादा नहीं कहूंगा क्योंकि वह एक बड़े नेता हैं । और एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि शिवसेना को लेकर कोई अंदरूनी कलह नहीं है ।

वहीं  उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा है । ‘हमने चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है । मैं अपने बयान पर कायम हूं कि 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था, जिससे शिंदे गुट को पार्टी का नाम और सिंबल मिला है । और उचित समय आने पर हम इस संबंध में सबूत पेश करेंगे । मैंने सुना है कि इस दावे के लिए मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज करी गई है । ऐसी एक लाख शिकायतें भी दर्ज हों तो भी संजय राउत नहीं डरेगा ।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने बोला है , ‘सेना भवन हमारे लिए मंदिर है, नियंत्रण लेने का कोई सवाल ही नहीं है. शाखाएं हमारे लोगों द्वारा संचालित करी जाती हैं और उनके संचालन में बाधा डालने का कोई सवाल ही नहीं है. शिंदे ने आरोप लगाया कि संजय राउत ने उनके खिलाफ खराब भाषा का इस्तेमाल किया. उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी. गौरतलब है कि राउत के खिलाफ नासिक पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करी है ।

उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न ‘धनुष एवं तीर’ आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिया है । वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया. प्रधान न्यायाधीश ने हालांकि कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, ‘नियम सभी पर समान रूप से लागू होता है। कल उचित प्रक्रिया के माध्यम से आएं.’

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