बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण आम की फसल खराब

महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पहली मांग जो ज्ञापन में रखी गई है, वह यह है कि सरकार सभी किसानों को 80,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दे

News Jungal Desk : बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते आम के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है । और हैरानी की बात यह है कि इसके बावजूद उन्हें न तो कोई मुआवजा मिला है न तो उनकी कोई आर्थिक मदद की जा रही है. इसके चलते आम बागवानों के अंदर आक्रोश है । यही वजह है कि आम बागवानों ने सोमवार को मलिहाबाद के उप जिलाअधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है और परिसर में जमकर नारेबाजी करी ।

अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 16 मार्च से लेकर 21 मार्च तक लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में बारिश हुई थी । और उसमें मलिहाबाद की आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है । और इसके बावजूद सरकार की ओर से अभी तक किसी भी बागों का स्थल निरीक्षण नहीं कराया गया है । न ही लखनऊ को आपदा जिले में रखा गया है । और अब किसानों में इसको लेकर काफी आक्रोश है । किसानों को आर्थिक क्षति हुई है। सरकार इस पर ध्यान दें इसलिए उपजिलाधिकारी मलिहाबाद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया है, ताकि हमारी मांगे उन तक पहुंच सके।

महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पहली मांग जो ज्ञापन में रखी गई है और वह यह है कि सरकार सभी किसानों को 80,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दे और इसके अलावा मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर यह भी तैयार किया जाना चाहिए कि बारिश और ओलावृष्टि कहां-कहां हुई है. आम का निर्यात बढ़ाने के लिए ए-ग्रेड के आम का सरकारी मूल्य तय होना चाहिए, ताकि निर्यातक किसानों को उचित मूल्य दे सकें. आने वाले आम के मौसम के लिए डिब्बों की भी व्यवस्था के लिए संबंधित संस्था को निर्देश देने की कृपा करें कि वे किसानों को डिब्बा उपलब्ध कराएं.

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की ओर से निजी नलकूप को 100 फीसदी छूट देने पर किसानों ने खुशी जाहिर की है, लेकिन विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता कार्यालय में कोई शासनादेश अभी नहीं पहुंचा है, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है. ऐसे में सरकार इन पांच सूत्रीय मांगों पर ध्यान दें ।

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