हमारे शरीर को हर तरह के पोषक तत्वों की एक मात्रा में जरूरत होती है. अगर इसमें कमी या बढ़ोतरी हो जाए तो हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कई ऐसे मिनिरल्स हैं जिनकी बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है लेकिन इसका खतरनाक असर शरीर पर दिखता है. आइये जानते है
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News Jungal Desk : – हमें जिंदा रहने के लिए हर तरह के पोषक तत्वों की अति आवश्यकता होती है. चाहे वह विटामिन हो, प्रोटीन हो, कार्बोहाइड्रेट हो, वसा हो या मिनिरल्स हो, हर चीज की एक निश्चित मात्रा में आवश्यकता होती है. अगर इसमें कमी हो जाती है तो हमें भारी परेशानियों का समना करना पड़ता है. पोटैशियम ऐसा ही एक मिनिरल है, जिसकी हमारे शरीर में बहुत कम जरूरत होती है लेकिन अगर इसमें कमी हो जाए तो हमारा पूरा शरीर असहाय हो जाता है. पौटैशियम की जरूरत हमारे शरीर के हर टिशू को है. पोटैशियम एक तरह से इलेक्ट्रिक कड़ी का काम करता है. नसों में जब पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में रहता है तो इलेक्ट्रोलाइट सही से बनता है और इस कारण इलेक्ट्रिकल चार्ज को आसानी से पहुंचा देता है.
हमारे दिमाग से जितने भी सिग्नल निकलते हैं, पौटैशियम की उपस्थिति में ही अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं.ये इलेक्ट्रिकल चार्ज कई कोशिकाओं और नर्व के फंक्शन को सक्रिय करता है. कई हेल्दी फूड में पोटैशियम मौजूद रहता है. इसके लिए अलग से कुछ खाने की जरूरत नहीं होती है लेकिन जब बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं तो पोटैशियम की कमी हो जाती है. हार्वर्ड मेडिकल रिसर्च के मुताबिक चूंकि पोटैशियम नर्व potassium nerve को इलेक्ट्रिक चार्ज प्रदान करता है इसलिए जब पोटैशियम की कमी होती है तब नसें कमजोर होने लगती है और उसमें ताकत नहीं लगती. इसलिए बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान होने लगती है.
पोटैशियम की कमी से परेशानी
1.शरीर में कमजोरी – पोटैशियम शरीर के अंग-अंग में इलेक्ट्रोलाइट्स को सपोर्ट करता है. इससे नर्व का फंक्शन सक्रिय होता है. इसलिए जब पोटैशियम की कमी हो जाए तब शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान रहने लगती है. पोटैशियम मसल्स को संकुचन में मदद करता है लेकिन जब संकुचन नहीं होगा तब मसल्स कमजोर होने लगेंगे. इसलिए यह थकान को भी बढ़ाएगा.पोटैशियम की कमी होने पर हाथ-पैर में झुनझुनी और सुन्नापन होने लगता है. इससे जांघ और हाथ में कंपन होने लगता है. पोटैशियम की कमी से नसों में तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ जाता है जिसके कारण नसें कमजोर होने लगती है और वह सिग्नल भेजने में असमर्थ हो जाती है ।
मसल्स में क्रैंप-हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक पोटैशियम की कमी से अचानक मसल्स में कमजोरी आने लगती है. जब मसल्स पर से नर्व का नियंत्रण घटने लगता है तो अचानक कभी-कभी मसल्स में क्रैंप आ जाता है. इससे बहुत दर्द होता है.
.दिल की बीमारियां-पोटैशियम हार्ट के मसल्स को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है. अगर पोटैशियम की कमी हो जाए तो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. इससे ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है. पोटैशियम ब्लड वैसल्स को रिलेक्स पहुंचाता है जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है. इसलिए हार्ट को हेल्दी रखने के लिए पोटैशियम बहुत जरूरी मिनिरल है.
.पाचन पर असर-आंत की लाइनिंग का सीधा संबंध दिमाग से है. जब शरीर में पोटैशियम की कमी होती है तो आंत की लाइनिंग में जो नर्व होते हैं, वह भी कमजोर होने लगते हैं. इसलिए पोटैशियम की कमी से भी डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर होने लगता है. पोटैशियम दिमाग को वह संकेत रिले करने में मदद करता है जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम के आसपास के मसल्स में संकुचन होता है. जब दिमाग से यह संकेत रिले नहीं होगा तो पेट के मूवमेंट में परेशानी होगी.
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