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मुख्तार अंसारी को मिली राहत, हत्या के प्रयास की साजिश में हुआ दोषमुक्त

इस मामले में बीते 6 मई को मुख्तार की ओर से मौखिक बहस की गई थी, जिसके बाद अदालत ने फैसला के लिए 17 मई की तिथि तय की थी। बुधवार को फैसला सुनाते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश ने मुख्तार अंसारी को मामले में दोषमुक्त कर दिया है।

News Jungal Desk: अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने मुहम्मदाबाद क्षेत्र में हुए हत्या के प्रयास की साजिश में आरोपित मुख्तार अंसारी को दोषमुक्त कर दिया है।

वर्ष 2009 में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू निवासी चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुरा ने मुहम्मदाबाद थाने में सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का एक केस दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना में मुख्तार अंसारी को साजिशकर्ता मानते हुए उनपर धारा 120बी के तहत केस दर्ज किया था। तब अंसारी जेल में ही बंद था।

हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपित सोनू यादव कोर्ट से बरी हो चुका था, जबकि मुख्तार अंसारी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में ही चल रहा था।

इस मामले में बीते 6 मई को मुख्तार की ओर से मौखिक बहस की गई, जिसके बाद अदालत ने फैसले के लिए 17 मई की तिथि तय की थी। बुधवार को फैसला सुनाते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश ने मुख्तार अंसारी को हत्या के प्रयास की साजिश के मामले में दोषमुक्त कर दिया है।

इसी कोर्ट से मिली है 10-10 साल की सजा

एमपी एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश की अदालत ने इससे पहले गैंगस्टर के दो मामले में मुख्तार अंसारी को दस-दस साल की सजा सुना चुकी है। गैंगस्टर में पहली सजा बनारस के अवधेशराय हत्या कांड और दूसरी सजा बनारस के ही कोयला व्यवसायी व हिंदूवादी नेता नंदकिशोर रुंगटा अपहरण व हत्या कांड के गैंगस्टर में 10 साल की सजा सुनाई गई थी।

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