मुंबई में अंडरवर्ल्ड की वापसी: जेल से आतंक फैला रहा है लॉरेंस बिश्नोई

लॉरेंस बिश्नोई: दहशत का नया नाम


12 अक्टूबर की रात, अजित पवार की एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी की तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। कुछ ही घंटों बाद, लॉरेंस बिश्नोई ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस हत्या की जिम्मेदारी ली। पोस्ट में सलमान खान और दाऊद इब्राहिम का नाम लेकर धमकी दी गई कि जो भी उनका साथ देगा, उसे मौत के घाट उतार दिया जाएगा।

ये घटना मुंबई पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। दाऊद इब्राहिम की तरह ही लॉरेंस बिश्नोई भी पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला रहा है, और इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि वो मुंबई में अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।

क्या बिश्नोई गैंग दाऊद की जगह लेना चाहता है?

1990 के दशक से मुंबई में दाऊद इब्राहिम का दबदबा रहा है, लेकिन पिछले 10-15 सालों में डी कंपनी का प्रभाव काफी कम हुआ है। लॉरेंस बिश्नोई की पोस्ट में दाऊद इब्राहिम और उसके लोगों का नाम लेने का मतलब साफ है—वो यह दिखाना चाहता है कि अब दाऊद की ताकत खत्म हो चुकी है। सलमान खान पर हमले करवाकर बिश्नोई गैंग मुंबई में फिरौती और अपराध का नया बाजार तैयार करने की कोशिश कर रहा है।

डब्बा कॉलिंग: अपराध की नई तकनीक


लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगी, जैसे गोल्डी बराड़, विदेश से बैठकर भारत में डब्बा कॉलिंग के जरिए लोगों से फिरौती मांग रहे हैं। इसमें विक्टिम से एक फोन के जरिए बात की जाती है, और स्पीकर पर गैंग लीडर सीधे धमकी देता है। इस तकनीक का इस्तेमाल करके ये लोग अपने ठिकानों का पता नहीं लगने देते, और इंटरनेट कॉल्स व वीपीएन का सहारा लेकर अपनी पहचान छिपाते हैं।

कौन हैं निशाने पर?


लॉरेंस बिश्नोई का गैंग बिल्डर, बिजनेसमैन, ठेकेदार, क्लब और होटल मालिकों से लेकर अवैध कॉल सेंटर ऑपरेटर्स और स्थानीय नेताओं तक को निशाना बना रहा है। डब्बा कॉलिंग और इंटरनेट आधारित तरीकों से ये लोग भारत में डर और आतंक का माहौल बना रहे हैं।

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गोल्डी बराड़: लॉरेंस का बाहरी ऑपरेटर


कनाडा में बैठा गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई के गैंग का संचालन कर रहा है। ये दोनों कॉलेज के दोस्त हैं और अब मिलकर एक बड़ा नेटवर्क चला रहे हैं। लॉरेंस के गैंग की पहुंच सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैलाया जा रहा है। एनआईए के मुताबिक, बिश्नोई का सिंडिकेट बिल्कुल वैसे ही फैल रहा है जैसे 90 के दशक में दाऊद का नेटवर्क फैला था।

मुंबई पुलिस की असफलता


मुंबई पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई को हिरासत में लेने के कई प्रयास किए, खासकर अप्रैल 2024 में सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी की घटना के बाद, लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिली। इसका मुख्य कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय का आदेश है, जो बिश्नोई को साबरमती जेल से स्थानांतरित करने पर रोक लगाता है। जेल में रहकर भी बिश्नोई को सभी सुविधाएं मिल रही हैं, और इसी का फायदा उठाकर वो अपना नेटवर्क चला रहा है।

लॉरेंस बिश्नोई की बढ़ती दहशत और उसके गैंग के फैलते नेटवर्क ने देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। जेल में बैठकर भी बिश्नोई का नेटवर्क काम कर रहा है, और अगर इस पर जल्द ही काबू नहीं पाया गया, तो मुंबई में अपराध की नई लहर देखने को मिल सकती है।

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