बीते बुधवार को दोनों महिलाओ ने अपनी आप बीती अपने खून से एक पत्र पर लिखा और उसे मुख्यमंत्री को पोस्ट करने की बात कही. पत्र में मुख्यमंत्री योगी से मुस्लिम महिलाएं इंसाफ की गुहार लगा रही हैं. खून से पत्र लिखे जाने की सूचना मिलते ही जैतपुरा थाने में हड़कम्प मच गया है ।
News Jungal Desk : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में दो मुस्लिम महिलाओं ने सीएम योगी को अपने खून से पत्र लिखा है । और अपने खून से लिखे गए पत्र द्वारा वो सीएम योगी से इंसाफ की गुहार लगा रही हैं । इस पत्र के माध्यम से उन्होंने अपने ऊपर हुए उत्पीड़न और पुलिस की कार्रवाई की हकीकत बयान की हैं ।
मुस्लिम समाज की इन महिलाओं को उम्मीद है कि इस खत के बाद उनके साथ इंसाफ होगा, पुलिस उनका पिछले 12 दिनों से एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी । लेकिन खत लिखते ही पुलिस ने फौरन सक्रिय होते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है । और आनन-फानन में पीड़ित महिलाओं के घर नोटिस चस्पा किया है ।
जानिए क्या है मामला?
वाराणसी के जैतपुरा इलाके में रहने वाली यह शाहिदा और रोमी ने अपनी शरीर से खून निकलवा कर उससे एक पत्र लिखा है. यह पत्र वो पोस्ट द्वारा सीएम योगी को भेजेंगी. इस पत्र में उन्होंने वाराणसी के जैतपुरा थानाध्यक्ष के ऊपर आरोप लगाया है कि 12 दिनों से एफआईआर के लिए थाने में चक्कर लगा रही हूं लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है. महिलाओं का आरोप है कि मदरसे के प्रबंधक रिजवान ने उनके साथ बेईमानी की व नौकरी दिलाने के नाम पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला गया, जिसकी तहरीर थाने में दी गयी लेकिन अभी तक कोई मुकदमा नहीं लिखा गया है
पीड़िताओं के साथ की मारपीट
जानकारी के मुताबिक पत्र लिखने वाली शाहिदा और रूमी हैं. दोनों जैतपुरा में स्थित चुरगे उलूम मदरसे में प्राइवेट अध्यापिका हैं. मदरसे में परमानेंट नौकरी का विकल्प आया तो प्रबंधक रिजवान ने इन्हें नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया और इनसे 2 लाख रुपये ले लिया, लेकिन जब इंटरव्यू का दिन आया तो इन्हें नहीं बुलाया गया.
ऐसे में जब यह इंटरव्यू वाले दिन यानी 28 जून को मदरसे पहुंचीं और प्रबंधक रिजवान से सवाल करने लगीं तो रिजवान उसे दूसरे कमरे में ले जाकर उनसे नौकरी के नाम पर और 13 लाख रुपये मांगने लगा. शाहिदा ने इसका विरोध किया तो उसे मारपीट कर मदरसे से निकाल दिया गया. जिसके कारण गर्भवती शाहिदा का मिस कैरेज हो गया.
थानाध्यक्ष पर भी गंभीर आरोप
शाहिदा के साथ रोमी भी प्रबंधक के ठगी का शिकार हुई थी और दोनों एक साथ थाने पर पहुंचीं और जैतपुरा थाने में उन्होंने लिखित तहरीर दी और अपने ऊपर बीती सारी घटनाओं को लिखा. लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी जैतपुरा थाने द्वारा जब एफआईआर दर्ज नहीं हुआ. बल्कि उनके आरोप के मुताबिक थानाध्यक्ष ने सुलह करने का दबाव बनाया. इतना ही नही थानाध्यक्ष में उन्हें कुरान पर हाथ रख के कसम खाने की बात भी कही.
आनन-फानन में केस दर्ज
बीते बुधवार को दोनों महिलाओ ने अपनी आप बीती अपने खून से एक पत्र पर लिखा और उसे मुख्यमंत्री को पोस्ट करने की बात कही. पत्र में मुख्यमंत्री योगी से मुस्लिम महिलाएं इंसाफ की गुहार लगा रही हैं. खून से पत्र लिखे जाने की सूचना मिलते ही जैतपुरा थाने में हड़कम्प मच गया.
थानाध्यक्ष मथुरा राय द्वारा महिलाओ को बार बार कॉल किया जाने लगा, लेकिन जब महिलाओ ने उन्हें जवाब दिया कि अब वो सीधे मुख्यमंत्री से मिलेंगी. तब थानाध्यक्ष में महिलाओं के बिना थाने गए ही देर शाम रिजवान के खिलाफ धारा 354 , 406 और 323 में मुकदमा दर्ज कर लिया ।
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