बहुत से लोगों का मन आध्यात्म की दुनिया में इतना सुकून पाता है कि वो सबकुछ छोड़कर वहीं चले जाते हैं . इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो हाईली एजुकेटेड होते हैं. ऐसे ही कुछ महिला व पुरुष साधुओं के बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं.
News Jungal Desk : पहली बार महिला नागा साधुओं Naga Sadhus को स्वतंत्र रूप से पहचान साल 2013 के कुंभ में मिली थी. इससे पहले तक कुंभ में होने वाले साधुओं के अखाड़े में महिला साधु भी पुरुषों के अखाड़े में शामिल होती थी,लेकिन 2013 से उन्हें अलग पहचान मिली. इस दौरान महिला साधु अखाड़े की नेता दिव्या गिरीं थी. इसी साल अखाड़े का हिस्सा बनीं महिलाओं में कई हाईली एजुकेटेड थी. जिसमें से एक फ्रांस की कोरिने कोको लियरे भी थीं.वे 2013 में ही साधु बनीं थीं. साधु बनने के बाद लियरे का नाम बदलकर संगम गिरी हुआ. साधु बन चुकीं फ्रांस की (कोरिने कोको लियरे) संगम गिरी iit से ग्रेजुएट हैं.
संगम गिरी के अलावा भी बहुत सी महिलाएं, पुरुष ऐसे हैं जो हायर एजुकेशन लेने के बाद साधु बने हैं. जिनमें Nikolae Jacques का नाम भी शामिल है. वे न्यूयॉर्क से हैं और फिल्म मेकिंग फील्ड से हैं. वह 2001 में साधु बनीं थी. साधु बने पढ़े-लिखे पुरुषों के नाम भी चर्चा में रहे
, इसी तरह उज्जैन के घनश्याम गिरी, 12वीं क्लास में बोर्ड के टॉपर रहे. यूक्रेन के संभु गिरी ने भी मैनेजमेंट की पढ़ाई की. वे भी साधु बने. इनके अलावा कुंभ में आने वाले जूना संन्यासिन अखाड़े में मौजूद महिला साधुओं की कुल तादाद की करीब तीन चौथाई महिलाएं से आकर साधु बनीं. इसके पीछे की वजह वहां की एक कुरीति है.
नेपाल की औरतों का बड़ी तादाद में नागा बनने के पीछे की वजह ये है कि वहां ऊंची जाति से आने वाली औरतों को विधवा होने के बाद दोबारा शादी करने की इजाजत नहीं है. वहां के समाज में ये स्वीकार्य ही नहीं है कि ऊंची जाति की विधवा महिला दोबारा शादी करे. ऐसी स्थिति में विधवा हो चुकी महिलाएं, साधु बनने का फैसला ले लेती हैं.
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