National Education Day: हर साल देश में 11 नवंबर को ‘नेशनल एजुकेशन’ डे मनाया जाता है | आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर इसे मनाया जाता है | आइए जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब की गई थी |
देश में हर साल आज की तारीख यानी की 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National education day in india) मनाया जाता है | आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती (maulana abul kalam azad jayanti) के उपलक्ष्य में यह मनाया जाता है |
यह दिन भारत में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के साथ-साथ वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की याद दिलाता है | वह स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद थे | आइए जानते हैं कि देश में कब और कैसे इसकी शुरुआत की गई |
‘नेशनल एजुकेशन डे’ (importance of national education day) देश के भविष्य को आकार देने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो | शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें 1992 में मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था |
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National Education Day 2024: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई थी?
शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा में मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को सम्मानित करने के लिए 2008 में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (national education day history) के रूप में घोषित किया था | तब से हर साल 11 नवंबर को ‘नेशनल एजुकेशन डे’ मनाया जानें लगा |
पहले शिक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मौलाना अबुल कलाम आजाद ने संस्थानों की स्थापना और प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ उच्च अध्ययन के अवसरों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी |
वह लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करते थे | वह 14 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के महत्व में विश्वास करते थे |
Maulana Abul Kalam Azad: UGC स्थापना की सिफारिश
मौलाना अबुल कलाम आजाद को स्वतंत्र भारत का एक प्रमुख वास्तुकार कहा जाता है | शिक्षा मंत्री रहते हुए आजाद ने अपने कार्याकाल में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के स्थापना की सिफारिश की थी, जिसके बाद UGC का गठन हुआ |
1920 में उन्हें उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना के लिए फाउंडेशन कमेटी में चुना गया था | बाद में उन्होंने 1934 में विश्वविद्यालय परिसर को नई दिल्ली में स्थानांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी |
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