Navratri first day 2023: नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का, खास मंत्र से करें पूजा…

Navratri first day 2023: नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री दृढ़ता और स्थिरता का स्वरूप मानी जाती है। तो आइए शैलपुत्री माता से संबंधित कुछ बातों को जानते हैं।

News jungal desk:– हिंदू पंचांग के अनुसार, कल से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। कल नवरात्रि का पहला दिन हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री (maa Shailputri) की पूजा करने से जातक की सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही मां शैलपुत्री (Mother Shailputri) की कृपा भी प्राप्त होती है। तो आज इस खबर में मां शैलपुत्री (maa Shailputri) से जुड़ी कुछ विशेष बातों के बारे में जानेंगे। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री (maa Shailputri) हिमालय की पुत्री और मां पार्वती का स्वरूप माना गया है। मां शैलपुत्री (maa Shailputri) शक्ती, दृढ़ता, आधार और स्थिरता का प्रतीक मानी जाती है। कहा जाता है कि मां शैलपुत्री (maa Shailputri) भोलेनाथ की पत्नी के रूप में भी जानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री (maa Shailputri) की पूजा के दौरान योग साधना करते हैं, साथ ही योगी अपनी शक्ति का मूलाधार में स्थित करते हैं।

मां शैलपुत्री का मंत्र

‘‘वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम।

वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनींम।।’’

जानें क्या है महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री (Mother Shailputri) का स्वरूप हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व अधिकार स्थापित होता है। यानी कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा और प्रार्थना करने से व्यक्ति स्थायित्व व शक्तिमान हो जाता है। कहा जाता है कि जो जातक मां शैलपुत्री (Mother Shailputri) की विधि-विधान से पूजा करता है, उसके जीवन में स्थिरता आती है। के साथ ही उनका जीवन मंगलकारी हो जाती है।

यह भी पढ़ें- सूर्य ग्रहण 2023: जाने कब और कहां दिखेगा सूर्यग्रहण…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *