सावन के चौथे सोमवार में दिखा भक्तो में नया उत्साह, देर रात से लगाई भक्तों ने लाइन, जलाभिषेक कर मांगी मन्नतें…

रात करीब दो बजे मंदिर के पट मंगला आरती के बाद भक्तों के दर्शन व पूजन के लिए खोले गए, तो भक्तो ने जलाभिषेक कर आपनी अर्जी लगायी। शिवभक्तों ने हर-हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे, भोलेनाथ की जय के जयकारों से पूरा प्रांगण जोश व भक्ति से भर दिया।

News jungal desk: कानपुर सावन के चौथे सोमवार को बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए शहर के भक्तों ने शिवालयों में देर रात से लाइन लगानी शुरू कर दी। शहर के आनंदेश्वर मंदिर, जागेश्ववर मंदिर, बनखंडेश्वर मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, नागेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए भक्त पहुंचे। दर्शनों के इंतजार में खड़े शिवभक्तों ने हर-हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे, भोलेनाथ की जय के जयकारों से पूरा प्रांगण जोश व भक्ति से भर दिया।

परमट स्थित आनंदेश्वर महादेव मंदिर में रात दो बजे मंदिर के पट मंगला आरती के बाद भक्तों के दर्शन व पूजन के लिए खोले गए। तो भक्तो ने जलाभिषेक कर आपनी अर्जी लगायी। इसी प्रकार से नवाबगंज के जागेश्वर महादेव मंदिर में लाइन में लगे भक्तों के लिए रात तीन बजे मंदिर के पट दर्शनों के लिए खोले गए। यहां पर भक्तों ने दुग्ध, पुष्प व जल चढ़ाकर जागेश्वर महादेव की स्तुति की।
इसी प्रकार से जाजमऊ के सिद्धनाथ मंदिर में भी भक्तो ने पहले मां गंगा में स्नान किया। इसके बाद गंगा जल लेकर मंदिर के पट खोलने का इंतजार किया। रात तीन बजे मंगला आरती के बाद पट खुलने पर भक्तों ने गंगा जल से सिद्धनाथ बाबा को जलाभिषेक किया। इसी प्रकार से शहर के अन्य शिवालयों में भी भक्तों ने श्रृद्धा व भक्ति से बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर अपने परिवार की सुख, शांति व समृद्धि कि कामना की।

भव्य रुद्राभिषेक में भक्तों का दिखा अलग उत्साह
बाबा आनंदेश्वर सेवा समिति के तत्वावधान में मैस्कर घाट में भव्य रुद्राभिषेक, भजन व भंड़ारा हुआ। इसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने रुद्राभिषेक में हिस्सा लिया। आचार्य प्रमोद तिवारी व अन्य आचार्यों की देखरेख में रुद्राभिषेक हुआ। फिर शिव महिमा, शिव तांड़व, शिव पंचाक्षर स्त्रोत, शिव स्तुति व शिव भजनों ने पूरा वातावरण शिवमय बना दिया। अंत में भक्तों ने भंडारे में प्रसाद भी चखा।

नीलकंठ महादेव में भक्तों ने किया दर्शन
घंटाघर के भूसाटोली कछियाना मोहल्ला स्थित शिव मंदिर में रविवार को दरबार व गद्दी लगाकर रुद्राभिषेक का आयोजन किया। यहां पर 2001 में उत्तराखंड से नीलकंठेश्वर महादेव लाए थे और स्थापित किए गए थे। रुद्राभिषेक में बड़ी संख्या में भक्तों ने पुष्पों से बाबा का निर्माण किया। इस मौके पर अशोक कुमार गुप्ता, अमरीक सिंह मिक्के, गुरु नारायण गुप्ता, नरेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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