सार
यह कानूनी प्रश्न दुर्घटना मामलों में बीमा कंपनियों द्वारा मुआवजे के दावों के विवादों का कारण बन रहा था, जिसमें हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) ड्राइविंग लाइसेंस धारक ट्रांसपोर्ट वाहन चला रहे थे। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एलएमवी का ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति 7,500 किलोग्राम से कम वजन वाले परिवहन वाहन को चलाने के हकदार है।
विस्तार
कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में कोई ठोस आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, जो यह साबित कर सकें कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि के लिए एलएमवी लाइसेंस धारक जिम्मेदार हैं। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने प्रधान न्यायाधीश सहित चार न्यायाधीशों की ओर से निर्णय लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि यह मुद्दा हल्के मोटर वाहन लाइसेंस धारकों की आजीविका से जुड़ा है।
पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनाया फैसला
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने इस मामले का फैसला सुनाया। यह कानूनी प्रश्न बीमा कंपनियों की तरफ से मुआवजे के दावों के विवादों का कारण बन रहा था, खासकर जब एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस धारक ट्रांसपोर्ट वाहन चला रहे थे।
क्या है बीमा कंपनियों का तर्क
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) और अदालतें उनके आपत्तियों की अनदेखी करते हुए उन्हें बीमा दावे का भुगतान करने का आदेश दे रही हैं। उनका कहना है कि अदालतें बीमा विवादों में बीमाधारकों के पक्ष में फैसले ले रही हैं।
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तीन जजों की पीठ ने सुरक्षित रखा था फैसला
इससे पहले, तीन जजों की पीठ ने 21 अगस्त को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। जस्टिस हृषिकेश रॉय, पी एस नरसिम्हा, पंकज मिथल और मनोज मिश्रा वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने बताया कि मोटर वाहन (एमवी) अधिनियम, 1988 में संशोधन पर विचार-विमर्श लगभग पूरा हो चुका है, और प्रस्तावित संशोधन को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।
यह कानूनी प्रश्न सुप्रीम कोर्ट में 8 मार्च 2022 को तीन-सदस्यीय पीठ द्वारा संविधान पीठ को भेजा गया था। यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के 2017 के मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मामले से संबंधित है, जिसमें अदालत ने कहा था कि 7,500 किलोग्राम तक वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन को एलएमवी की परिभाषा से बाहर नहीं किया गया है।
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बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की याचिका
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने इस मामले में मुख्य याचिका दायर की थी। केंद्र सरकार ने इस फैसले को स्वीकार किया और मोटर वाहन अधिनियम के नियमों को इस निर्णय के अनुरूप संशोधित किया गया। 18 जुलाई को संविधान पीठ ने इस कानूनी प्रश्न पर 76 याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी।